पाकिस्तानी मीडिया पर नियंत्रण चाहता है चीन: अमेरिकी रिपोर्ट

Rozanaspokesman

विदेश, चीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से प्रमुख साझेदारों में एक पाकिस्तान भी है।

China wants control over Pakistani media: US report

वाशिंगटन : अमेरिका की एक आधिकारिक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने मीडिया की खबरों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियानों का एक जाल विकसित किया है और उसकी कोशिश पाकिस्तानी मीडिया पर अच्छा-खासा नियंत्रण हासिल करने की है।

विदेश विभाग ने पिछले सप्ताह यहां जारी एक रिपोर्ट में कहा कि सूचना के क्षेत्र में रूस के साथ मिलकर काम करने के अलावा चीन ने प्रतिकूल बयानों का मुकाबला करने के लिए अन्य करीबी साझेदारों को शामिल करने का प्रयास किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से प्रमुख साझेदारों में एक पाकिस्तान भी है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘पाकिस्तान के साथ बीजिंग ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) मीडिया फोरम सहित ‘दुष्प्रचार से निपटने’ पर सहयोग को गहरा करने की मांग की है।’’

रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग और इस्लामाबाद मीडिया मंच का उपयोग उन चीजों को संबोधित करने के लिए करते हैं जिन्हें वे प्रचार व ‘दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार’ के रूप में देखते हैं और उन्होंने ‘सीपीईसी रैपिड रिस्पांस इंफॉर्मेशन नेटवर्क’ जैसी पहल शुरू की है और हाल में चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर (सीपीएमसी) शुरू करने का वादा किया है।

विदेश मंत्रालय की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने चीन-पाकिस्तान मीडिया कॉरिडोर के तहत पाकिस्तानी मीडिया पर महत्वपूर्ण नियंत्रण हासिल करने के लिए बातचीत करने की मांग की, जिसमें पाकिस्तान के सूचना माहौल की निगरानी और इसे आकार देने के वास्ते संयुक्त रूप से संचालित ‘नियंत्रण केंद्र’ की स्थापना भी शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रतीत होता है कि प्रस्ताव के दायरे पर इस्लामाबाद ने गंभीरता से विचार नहीं किया है और तथ्य यह है कि इसमें जिन तंत्रों का विवरण दिया गया है, वे बीजिंग को असमान रूप से लाभ पहुंचाते हैं, यह एक करीबी साझेदार के घरेलू सूचना माहौल पर प्रत्यक्ष नियंत्रण पाने की बीजिंग की महत्वाकांक्षा का एक स्पष्ट उदाहरण है।

चीन के मसौदा अवधारणा पत्र में चीन और पाकिस्तान सरकारों से विचार समूह, वैचारिक नेताओं, सीपीईसी अध्ययन केंद्रों, मीडिया संगठनों, पीआरसी कंपनियों और यहां तक ​​कि स्थानीय कन्फ्यूशियस संस्थानों से सूचना को सुव्यवस्थित करके पाकिस्तान के सूचना वातावरण की निगरानी के लिए एक ‘नियंत्रण केंद्र’ स्थापित करने का आह्वान किया गया।