Manmohan Singh Retire Rajya Sabha news:  33 साल बाद राज्यसभा से रिटायर हो रहे डॉ. मनमोहन सिंह, जानिए कैसा रहा ये सफर

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डॉ. मनमोहन सिंह के साथ कई अन्य नेता भी सेवानिवृत्त हो रहे है

Dr. Manmohan Singh retiring from Rajya Sabha after 33 years news in hindi

Manmohan Singh Retired From Rajya Sabha news in hindi: देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता और अर्थशास्त्र की रीढ़ की हड्डी कहे जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह को आज राज्यसभा से रिटायरमेंट मिल रही है। भारत के अर्थशास्त्री के रूप में उन्होंने देश के लिए कई कार्य किए है।

बता दें कि 33 साल बाद डॉ. मनमोहन सिंह आज राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं बतौर प्रधानमंत्री रहते हुए तो मनमोहन सिंह ने कई फैसले किए, वहीं देश की अर्थव्यवस्था को लेकर उनके पास जो ज्ञान है उसका कोई मुकाबला नहीं है। इसके लिए उन्हें कई संस्थाओं की और से सम्मानित भी किया जा चुका है।

वहीं कम शब्द, शांत व्यवहार और करीब तीन दशक राज्यसभा में बिताने वाले डॉ. मनमोहन सिंह का ये सफर काफी उतार चढ़ाव से भरा रहा। इस दौरान उनके द्वारा लिए गए फैसलों को आज भी सराहा जाता। वहीं कई जगहों पर उनके द्वारा लिए गए फैसलों को एक उदाहरण की तरह भी देख जाता है। ऐसे में उनका ये सफर कैसा रहा चलिए जानते हैं।

उनके सफर की बात करें तो साल 1991 में उनका सफर शुरू हुआ,  जब पहली बार डॉ. मनमोहन सिंह राज्यसभा के सांसद बन कर आए। वहीं इसके बाद उन्होंने अपने जीवन में कभी पीछे मुड़ कर रही देखा। इसके बाद उन्होंने देश के लिए अपनी शिक्षा और काबिलियत के माध्यम से कई क्षेत्रों में बेहतर काम किया।

वहीं 1985 में राजीव गांधी के शासन काल में मनमोहन सिंह को भारतीय योजना आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर उन्होंने लगातार पांच वर्षों तक कार्य किया, जबकि 1990 में वह प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बनाए गए।

जब पी. वी. नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने मनमोहन सिंह को 1991 में अपने मंत्रिमंडल में सम्मिलित करते हुए वित्त मंत्रालय दिया। वहीं इसके साथ ही साल 1991 में असम से राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद, वह साल 1991, 1995,2001,2007,2013, में फिर से राज्यसभा सदस्य रहे...इतना ही नहीं डॉ. मनमोहन सिंह रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष और देश के वित्त मंत्री भी रहे हैं। इसके बाद वह 10 साल तक उन्होंने बतौर देश का प्रधानमंत्री बनकर काम किया।

अब अगर डॉ. मनमोहन सिंह के फैसले की बात करें तो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान लाइसेंस परमिट को खत्म किया। निजी कंपनियों से अपना कंट्रोल खत्म किया और विदेशी कंपनियों को भारत में आकर काम करने और निवेश करने का भी मौका दिया और डॉ. मनमोहन सिंह के यह कदम देश और अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद भी साबित हुए।

गौर हो कि आज डॉ. मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल बेशक खत्म हो रहा है, लेकिन देश हित में किए उनके कई फैसले हैं जिन्हें आज भी बड़े-बड़े अर्थशास्त्री याद करते हैं।

कई अन्य नेता भी हो रहे सेवानिवृत्त 

बता दें कि इस दौरान कई अन्य नेता भी राज्यसभा में अपना कार्यकाल समाप्त कर चुके है। इसमें धर्मेंद्र प्रधान और मनसुख मंडाविया सहित सात केंद्रीय मंत्री मंगलवार को राज्यसभा में अपना कार्यकाल समाप्त करेंगे, क्योंकि वे आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने चुनावी अभियान शुरू करेंगे। पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव बुधवार को सेवानिवृत्त होंगे।

विशेष रूप से, जया बच्चन और मनोज कुमार झा जैसे कुछ सेवानिवृत्त सदस्यों को उनकी पार्टियों ने फिर से नामांकित किया है, जबकि अभिषेक सिंघवी जैसे अन्य लोग अपनी चुनावी बोली हार गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रकाश जावड़ेकर और सुशील कुमार मोदी जैसे भाजपा के दिग्गज भी उच्च सदन से सेवानिवृत्त होंगे, पार्टी द्वारा कोई पुन: नामांकन नहीं किया जाएगा।

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