RSS की शाखा ने गर्भ में शिशु को संस्कार और मूल्य सिखाने के लिए शुरू की ‘गर्भ संस्कार’ मुहिम

Rozanaspokesman

देश

उन्होंने कहा, ‘‘गर्भ में शिशु 500 तक शब्द सीख सकता है।’’

RSS branch started 'Garbh Sanskar' campaign to teach values ​​and values ​​to the child in the womb

New Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध ‘संवर्धिनी न्यास’ ने शिशुओं को गर्भ में ही संस्कार एवं मूल्य सिखाने के उद्देश्य से गर्भवती महिलाओं के लिए ‘गर्भ संस्कार’ नाम से एक मुहिम शुरू की है। न्यास की राष्ट्रीय संगठन सचिव माधुरी मराठे ने सोमवार को यह जानकारी दी। स्त्री रोग विशेषज्ञों, आयुर्वेदिक चिकित्सकों और योग प्रशिक्षकों के साथ मिलकर न्यास एक कार्यक्रम की योजना बना रहा है जिसमें ‘‘गर्भ में शिशुओं को सांस्कृतिक मूल्य प्रदान करने’’ के लिए गर्भावस्था के दौरान गीता एवं रामायण का पाठ और योगाभ्यास किया जाएगा।

मराठे ने कहा कि यह कार्यक्रम गर्भ में मौजूद शिशु से दो साल की उम्र तक के बच्चों के लिए चलाया जाएगा और इसके तहत गीता के श्लोकों और रामायण की चौपाइयों के जाप पर जोर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘गर्भ में शिशु 500 तक शब्द सीख सकता है।’’

मराठे ने कहा, ‘‘इस अभियान का उद्देश्य एक ऐसा कार्यक्रम विकसित करना है जो यह सुनिश्चित करे कि बच्चा गर्भ में संस्कार सीख सके और यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी, जब तक कि बच्चा दो साल का नहीं हो जाता।’’ संघ की महिला शाखा संवर्धिनी न्यास की इस मुहिम के तहत कम से कम 1,000 महिलाओं तक पहुंचने की योजना है।

मराठे ने बताया कि इस अभियान के तहत न्यास ने रविवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-दिल्ली सहित कई अस्पतालों के स्त्री रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।