पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्रियों को जेल भेजने का रहा है इतिहास

Rozanaspokesman

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों को जेल भेजने के लिए कुख्यात रहा है, जबकि यह देश बार-बार संविधान का उल्लंघन करने वाले सैन्य तानाशाहों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से कतराता दिखा है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में तीन साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में उन पर सत्ता में रहने के दौरान महंगे सरकारी उपहार बेचकर मुनाफा कमाने का आरोप है।

अदालत के फैसले के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने पंजाब पुलिस के सहयोग से 70 वर्षीय खान को लाहौर में उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया। खान जेल जाने वाले पहले पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नहीं हैं, देश के इतिहास में निर्वाचित नेताओं के साथ किए गए व्यवहार के कई अप्रिय उदाहरण हैं।

सूची में पहले स्थान पर हुसैन शहीद सुहरावर्दी हैं, जो तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के एक बंगाली राजनेता थे, जिन्होंने पांचवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। सुहरावर्दी को जनवरी 1962 में गिरफ्तार कर लिया गया और ‘‘देश-विरोधी गतिविधियों’’ के फर्जी आरोप में जेल में डाल दिया गया। उन्हें सैन्य शासक जनरल अयूब खान का समर्थन करने से इनकार करने का ‘‘भुगतान’’ करना पड़ा।

नौवें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करने वाले जुल्फिकार अली भुट्टो को 1974 में एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और चार अप्रैल, 1979 को फांसी दे दी गई।

बेनजीर भुट्टो 1988 से 1990 तक और फिर 1993 से 1996 तक दो बार प्रधानमंत्री रहीं। देश की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री को कई बार गिरफ्तार किया गया - पहली बार 1985 में और 90 दिनों के लिए घर में नजरबंद रखा गया।

अगस्त 1986 में, कराची में एक रैली में सैन्य तानाशाह जियाउल हक की निंदा करने के लिए बेनजीर भुट्टो को गिरफ्तार कर लिया गया था। अप्रैल 1999 में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में पांच साल की कैद की सजा सुनाई गई और अयोग्य घोषित कर दिया गया। बेनजीर गिरफ्तारी से बच गईं क्योंकि वह आत्म-निर्वासन में थीं।

वर्ष 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ के सत्ता संभालने के बाद नवाज शरीफ को गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में वह 10 साल निर्वासन में रहे।

जुलाई 2018 में, नवाज को भ्रष्टाचार के एक मामले में उनकी बेटी मरियम नवाज के साथ 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। उसी वर्ष दिसंबर में, उन्हें ‘अल-अजीजिया स्टील मिल’ भ्रष्टाचार मामले में सात साल की सजा सुनाई गई थी। वह 2019 में इलाज के लिए लंदन गए और फिर स्वदेश नहीं लौटे।

पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को भी भ्रष्टाचार के एक मामले में जुलाई 2019 में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिल गई।