मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना का रास्ता साफ, उच्च न्यायालय में गोदरेज की याचिका खारिज

Rozanaspokesman

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राज्य सरकार ने अदालत को पहले बताया था कि वह पहले ही पिछले साल अक्टूबर में कंपनी को 264 करोड़ रुपये का मुआवजा दे चुकी है।

Mumbai-Ahmedabad bullet train project cleared, High Court dismisses Godrej's plea

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए महाराष्ट्र सरकार और एनएचएसआरसीएल द्वारा मुंबई के विखरोली क्षेत्र में शुरू किए गए भूमि अधिग्रहण के खिलाफ गोदरेज एंड बॉयस द्वारा दायर याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है और जनता के भले के लिए है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका और न्यायमूर्ति एमएम सथाये की खंडपीठ ने कहा कि परियोजना अपने आप में अनूठी है और सार्वजनिक हित को निजी हित पर वरीयता मिलेगी।

मुंबई से अहमदाबाद के बीच कुल 508.17 किलोमीटर की रेल की पटरी में से 21 किलोमीटर भूमिगत रहेगी। भूमिगत सुरंग का एक प्रवेश बिंदु विखरोली में गोदरेज की जमीन पर पड़ता है।

राज्य सरकार और राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने दावा किया था कि कंपनी के कारण पूरी परियोजना में देरी हो रही है, जबकि परियोजना जनता के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया था कि गोदरेज एंड बॉयस मेन्युफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड के विखरोली क्षेत्र में स्थित क्षेत्र को छोड़कर परियोजना के पूरे मार्ग के लिए अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

राज्य सरकार ने अदालत को पहले बताया था कि वह पहले ही पिछले साल अक्टूबर में कंपनी को 264 करोड़ रुपये का मुआवजा दे चुकी है। गोदरेज एंड बॉयस ने उसे मुआवजा देने के महाराष्ट्र सरकार के 15 सितंबर, 2022 को जारी आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी।