न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखा

Rozanaspokesman

बुधवार को सुनवाई के दौरान, केंद्र ने न्यायालय से कहा कि संभव है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने...

SC reserves order on petitions seeking legal recognition of same-sex marriages

New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मामले में 10 दिन की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। पीठ में न्यायमूर्ति एस के कौल, न्यायमूर्ति एस आर भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल हैं।

पीठ ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश ए एम सिंघवी, राजू रामचंद्रन, के वी विश्वनाथन, आनंद ग्रोवर और सौरभ कृपाल सहित वरिष्ठ अधिवक्ताओं की दलीलें सुनीं।

बुधवार को सुनवाई के दौरान, केंद्र ने न्यायालय से कहा कि संभव है कि समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर उसके द्वारा की गई कोई संवैधानिक घोषणा ‘‘सही कार्रवाई’’ नहीं हो क्योंकि अदालत इसके परिणाम का अनुमान लगाने, परिकल्पना करने, समझने और इससे निपटने में सक्षम नहीं होगी।

केंद्र ने न्यायालय को यह भी बताया था कि उसे समलैंगिक विवाह के मुद्दे पर सात राज्यों से जवाब मिला है और राजस्थान, आंध्र प्रदेश और असम की सरकारों ने ऐसी शादी को कानूनी मान्यता देने को लेकर याचिकाकर्ताओं की दलीलों का विरोध किया है।