बहु-भाषी, बहु-धार्मिक समाज के रूप में भारत विविधता में एकता को मानता है : राष्ट्रपति मुर्मू

Rozanaspokesman

देश

उन्होंने कहा कि बहु-सांस्कृतिक, बहु-भाषी, बहु -जातीय और बहु-धार्मिक समाज के रूप में भारत विविधता में एकता को मानता है।

photo

New Delhi: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को कहा कि बहु-सांस्कृतिक, बहु-भाषी, बहु-जातीय और बहु-धार्मिक समाज के रूप में भारत विविधता में एकता को मानता है और 20 करोड़ से अधिक मुसलमान इसे दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बनाते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने यह बात तब कही जब मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-इस्सा उनसे भेंट करने राष्ट्रपति भवन आए।

राष्ट्रपति भवन के बयान के अनुसार, राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सहनशीलता के मूल्यों, चेतना जागृति और अंतर धार्मिक वार्ता को बढ़ावा देने में मुस्लिम वर्ल्ड लीग के योगदान एवं भूमिका की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि बहु-सांस्कृतिक, बहु-भाषी, बहु -जातीय और बहु-धार्मिक समाज के रूप में भारत विविधता में एकता को मानता है।

मुर्मू ने कहा, ‘‘ हमारे 20 करोड़ से अधिक मुस्लिम भाई एवं बहन देश को दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश बनाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत, सऊदी अरब के साथ अपने संबंधों को काफी महत्व देता है। राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों के सौहार्दपूर्ण संबंधों का लम्बा इतिहास है जो कारोबार एवं लोगों के बीच संबंधों में निहित है तथा दोनों देशों के पास दुनिया के साथ बहुमूल्य शिक्षा साझा करने के लिए है।

उन्होंने कहा कि भारत और सऊदी अरब आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करते हैं और आतंकवाद को ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ करने का आह्वान करते हैं। बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि आतंकवाद एवं हिंसक चरमपंथ से मुकाबला करने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है और यह केवल उदारवादी विचारों से ही संभव है।

राष्ट्रपति ने चरमपंथ, हिंसा और आतंकवाद के खिलाफ डा. अल इस्सा के रूख की सराहना की। अल-इस्सा भारत सरकार के आधिकारिक निमंत्रण पर यहां आए हैं। एमडब्लूएल एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन है जिसका मुख्यालय मक्का में है, जिसमें सभी इस्लामी देशों और संप्रदायों के सदस्य शामिल हैं।