Electoral Bonds Case Update: '2019 से अब तक खरीदे गए 22,217 चुनावी बॉन्ड', SC को दिए हलफनामे में SBI ने बताया

Rozanaspokesman

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बैंक के सीएमडी दिनेश खारा ने चुनावी बांड को लेकर दाखिल किए हलफनामे में कहा है कि कोर्ट के आदेश का परिपालन हो गया है।

SBI filed an affidavit in the Supreme Court News In Hindi '22,217 electoral bonds purchased since 2019

SBI filed an affidavit in the Supreme Court News In Hindi: इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने आज सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड पर हलफनामा दाखिल किया है. अपने हलफनामे में बैंक ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए चुनाव आयोग को पुरा ब्योरा  सौंप दिया है.

बैंक के सीएमडी दिनेश खारा ने चुनावी बांड को लेकर दाखिल किए हलफनामे में कहा है कि कोर्ट के आदेश का परिपालन हो गया है।
बैंक ने  इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद और बिक्री, इसके खरीदार के नाम समेत सभी संबंधित जानकारी को लेकर रिपोर्ट तैयार की है और कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी उपलब्ध ब्योरा निर्वाचन आयोग को समय रहते मुहैया करा दिया है।

'2019 से अब तक खरीदे गए 22,217 चुनावी बॉन्ड

-SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए हैं, जिसमें से 22,030 कैश करवाए गए हैं।

-हलफनामे में कहा गया है कि एक अप्रैल 2019 से 11 अप्रैल 2019 के बीच कुल 3,346 चुनावी बॉण्ड खरीदे गए और 1,609 भुनाए गए।.

-इसमें आगे कहा गया है कि 12 अप्रैल, 2019 से इस साल 15 फरवरी तक कुल 18,871 चुनावी बॉण्ड खरीदे गए और 20,421 भुनाए गए।.

आपको बता दें कि अब चुनाव आयोग इस जानकारी को जनता के सामने रखेगी. चुनाव आयोग 15 मार्च को पूरे आंकड़े को साइट पर अपलोड करेगा.  इस आंकड़े में चुनाव आयोग इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीदी को भी सार्वजनिक करेगा, जो अब तक केवल सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किए गए थे. 

जानकारी दे दें कि बीते 11 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने SBI को उस याचिका पर फटकार लगाया था जिसमें उन्होंने चुनावी बॉन्ड से संबंधित जानकारी साझा करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने की मांग की थी.  शीर्ष अदातल न बैंक को इस याचिका पर फटकार लगाते हुए कहा था कि पिछले 26 दिनों में आपने क्या किया? आपको पता होना चाहिए कि ये एक बेहद गंभीर मामला है .  बैंक को सिर्फ  सीलबंद कवर  को खोलना है, विवरण एकत्र करना है और चुनाव आयोग को जानकारी देनी है। 

कोर्ट ने SBI से 12 मार्च, मंगलवार  तक चुनाव आयोग को चुनावी बांड की जानकारी देने को कहा था.  जिसका पालन करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार शाम को चुनाव आयोग को पूरा डेटा उपलब्ध करा दिया था. 

मामला 

गौरतलब है कि इससे पहले इसी पीठ ने 15 फरवरी को अपने ऐतिहासिक फैसले में केंद्र की विवादास्पद चुनावी बांड योजना को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक करार दिया. इस योजना के तहत राजनीतिक दलों को गुमनाम रूप से फंड दिया जा सकता है। इस योजना की घोषणा सरकार ने 2017 में की थी और 2018 में इसे वैध कर दिया गया। ये चुनावी बॉन्ड जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर महीने में कुल चार बार जारी किए जा सकते हैं. कानून के मुताबिक, राजनीतिक दल यह बताने के लिए बाध्य नहीं थे कि उन्हें चंदा कहां से मिला।

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