अब बेल्जियम की नागरिकता लेने के बाद भारतीय पासपोर्ट पर दुनिया घूमने वाले व्यक्ति को कोई राहत नहीं

Rozanaspokesman

देश

अदालत ने शाह की इस दलील को मानने से इंकार कर दिया की उनसे अनजाने में गलती हो गई।

Now there is no respite for a person traveling the world on an Indian passport after taking Belgian citizenship

मुंबई : बेल्जियम की नागरिकता लेने के बाद भारतीय पासपोर्ट पर दुनिया घूमने वाले व्यक्ति के भारत में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के केन्द्र सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए बंबई उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मनमाना फैसला नहीं है और इससे व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने 14 मार्च के अपने आदेश में केन्द्र के फैसले को चुनौती देने वाली विक्रम सेठ की याचिका खारिज कर दी।

अदालत ने शाह की इस दलील को मानने से इंकार कर दिया की उनसे अनजाने में गलती हो गई। शाह ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया था कि वह केन्द्र सरकार को उन्हें वीजा देने या ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (ओसीआई) कार्ड जारी करने का निर्देश दे, ताकि वह भारत आ सकें।

अदालत ने कहा, ‘‘अगर बेल्जियम की नागरिकता लेने के बाद भी उन्होंने (शाह) भारतीय पासपोर्ट पर कहीं की यात्रा की है तो वह जानबूझकर किया गया है और वह गलती या अनजाने में किया गया काम नहीं हो सकता है। यह कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘इसमें मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि याचिका दायर करने वाला भारतीय नागरिक नहीं है और मौलिक अधिकार सिर्फ भारतीय नागरिकों को प्राप्त हैं।’’

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने अदालत को बताया था कि शाह ने कई मौकों पर भारतीय पासपोर्ट की मदद से वीजा प्राप्त करके विभिन्न देशों की यात्रा कर नागरिकता कानून और पासपोर्ट कानून का उल्लंघन किया है।शाह ने मई 2015 में बेल्जियम की नागरिकता ले ली लेकिन सितंबर 2020 तक भारतीय पासपोर्ट वापस नहीं किया था.