अमृतपाल के चाचा को पुलिस ने डिब्रूगढ़ जेल किया शिफ्ट,पंजाब में चप्‍पे-चप्‍पे पर सुरक्षा बल तैनात

Rozanaspokesman

उसने सोमवार सुबह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

Police shifted Amritpal's uncle to Dibrugarh jail

डिब्रूगढ़ (असम) : पंजाब पुलिस कट्टरपंथी उपदेश्क अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह को मंगलवार सुबह असम लेकर आई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरजीत सिंह को गुवाहाटी से सड़क मार्ग से डिब्रूगढ़ जेल लाया गया। वह अमृतपाल के ‘वारिस पंजाब दे’ (डब्ल्यूपीडी) समूह से जुड़ा पांचवां व्यक्ति है जिसे पूर्वोत्तर राज्य में लाया गया है।

उन्होंने बताया कि सात सुरक्षा वाहनों के काफिले में हरजीत सिंह को गुवाहाटी हवाई अड्डे से डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया जहां उसे सात बजकर 10 मिनट पर जेल में बंद किया गया। उसने सोमवार सुबह पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

अधिकारियों के अनुसार, ‘वारिस पंजाब दे’ के खातों को संभालने में अमृतपाल की मदद करने वाला हरजीत सिंह उन पांच लोगों में शामिल है, जिनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। रासुका के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति को एहतियाती तौर पर हिरासत में लेने की अनुमति होती है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा या लोक व्यवस्था के लिए खतरा होता है।

पंजाब सरकार द्वारा अमृतपाल की अगुवाई वाले डब्ल्यूपीडी के खिलाफ शनिवार को बड़ी कार्रवाई शुरू करने के बाद रविवार को समूह के चार सदस्यों को डिब्रूगढ़ केंद्रीय कारागार लाया गया था। इन लोगों में दलजीत सिंह कलसी, भगवंत सिंह, गुरमीत सिंह और ‘प्रधानमंत्री’ बाजेका शामिल हैं।

पंजाब पुलिस के अनुसार, इस कार्रवाई में अभी तक 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अमृतपाल कई आपराधिक मामलों में वांछित है। डिब्रूगढ़ में मोहनबाड़ी हवाई अड्डे पर भारी सुरक्षा बल तैनात हैं जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि डब्ल्यूपीडी के और सदस्यों को करीब 2,500 किलोमीटर दूर स्थित पंजाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्य में लाया जा सकता है।

अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और उसके वाहन चालक हरप्रीत सिंह ने रविवार देर रात जालंधर के मेहतपुर इलाके में एक गुरुद्वारे के पास आत्मसमर्पण कर दिया था। आत्मसमर्पण के समय पुलिस उप महानिरीक्षक (सीमा क्षेत्र) नरिंदर भार्गव और अन्य पुलिस अधिकारी भी वहां मौजूद थे। आत्मसमर्पण के दौरान बनाए गए एक वीडियो में, हरजीत को अपनी लाइसेंसी .32 बोर पिस्तौल और सवा लाख रुपये नकदी दिखाते हुए देखा जा सकता है, जिसे वह मर्सिडीज कार में ले जा रहा था। बाद में कार जब्त कर अमृतसर (देहात) पुलिस हरजीत और हरप्रीत को अपने साथ ले गई।

असम के पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत भूइयां ने सोमवार को डिब्रूगढ़ में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। भूइयां ने जानकारियां साझा करने से इनकार करते हुए कहा, ‘‘ये राज्य की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मामले हैं।’’

अमृतपाल के खिलाफ यह कार्रवाई अमृतसर के नजदीक अजनाला थाने की घटना के कुछ हफ्तों बाद की जा रही है। अजनाला थाने को अमृतपाल समर्थकों ने घेर लिया था और पुलिस को यह आश्वासन देने को मजबूर किया था कि उनके एक साथी को रिहा कर दिया जाएगा।

इस घटना ने सीमावर्ती राज्य पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद की वापसी की आशंका को बल दे दिया था। पंजाब की सीमा पाकिस्तान से लगती है। डब्ल्यूपीडी की स्थापना गायक-कार्यकर्ता दीप संधू ने की थी। पिछले साल संधू की मौत के बाद अमृतपाल ने इस समूह की कमान संभाल ली थी।