नक्सली चार दिन पहले से ही कर रहे थे हमले की तैयारी, जंगल में होती थी बैठक, पढ़िए हमले से जुड़ी पूरी कहानी

Rozanaspokesman

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नक्सलियों ने जिन DRG की प्लाटून नंबर 1 को अपना टारगेट बनाया, ये दंतेवाड़ा की सबसे मजबूत टीम थी। 

Naxalites were preparing for the attack four days in advance

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में 10 पुलिसकर्मियों समेत 11 लोगों की जान चली गई थी। और अब इस मामले में नै अपडेट सामने आई है बताया जा रहा हैं कि  नक्सली पिछले 4 दिनों से जवानों की गाड़ी को उड़ाने की तैयारी कर रहे थे। बता दें कि  नक्सलियों ने बुधवार दोपहर 1:30 से 2:00 बजे के बीच अरनपुर-समेली में 50 किलो की IED में ब्लास्ट किया गया। इसमें 10 पुलिसकर्मी शहीद हुए और एक वाहन चालक की मौत हो गई।

बता दें कि नक्सलियों ने जिन DRG की प्लाटून नंबर 1 को अपना टारगेट बनाया, ये दंतेवाड़ा की सबसे मजबूत टीम थी। 

हमले का एक वीडियो वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह वीडियो हमले के तुरंत बाद का है. दावा किया जा रहा है कि इसे घायल जवान ने ही रिकॉर्ड किया है.

पढ़िए हमले से पहले और बाद की इनसाइड स्टोरी

मिली जानकारी के मुताबिक नक्सली पिछले चार दिन से जवानो पर नजर रखे हुए था। नक्सलियों का DVCM (डिविजनल कमेटी मेंबर) जगदीश पिछले 4 दिन से ककाड़ी, नहाड़ी, गोंडेरास के जंगलों में माओवादियों की बैठक ले रहा था। बता दे कि दंतेवाड़ा पुलिस को इंटेलिजेंस से नक्सलियों के मौजूदगी की खबर मिली थी।

 मंगलवार को जवानों को ऑपरेशन पर भेजा गया 

25 अप्रैल को दंतेवाड़ा DRG की पूरी 6 टीमों को नक्सल ऑपरेशन पर भेजा गया था। इसमें करीब 300 से ज्यादा जवान शामिल थे।  मंगलवार को ही  जवानों को ऑपरेशन पर भेजने का ग्रीन सिग्नल मिला था। 
25 अप्रैल की शाम करीब 6 से 7 बजे के बीच जवानों को बड़ी गाड़ियों से अलग-अलग लोकेशन में ड्रॉप किया गया था, ताकि चारों तरफ से नक्सलियों को घेरा जा सके।इनमें DRG की प्लाटून नंबर 1 को अरनपुर के जंगल में छोड़ा गया था। वहीं नक्सलियों को इस बात की खबर भी पहले ही मिल गई थी। फिर जैसे ही जवान 26 अप्रैल की सुबह नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचे तो दोनों तरफ से गोलीबारी हुई थी।  इस मुठभेड़ में नक्सली कमांडर जगदीश को पुलिस घेर नहीं पाई और वह भाग निकला। फिर  जवान जंगल से जिला मुख्यालय लौटने निकल गए थे। 

 DRG की प्लाटून नंबर 1 अरनपुर पहुंची। यह खबर नक्सलियों को मिल गई थी। फिर नक्सलियों ने जवानों से भरी गाड़ी को निशाना बनाने की रणनीति बनाई।   नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम को वारदात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

बुधवार को जवानों से भरी एक गाड़ी पहले उसी इलाके से गुजर गई। हालांकि, नक्सली उसे निशाना नहीं बना सके। कुछ देर बाद माओवादियों ने दूसरी गाड़ी को अपना निशाना बनाया। इस गाड़ी में 10 जवान सवार थे।दोपहर करीब 1:30 से 2 बजे के बीच जैसे ही गाड़ी IED के ऊपर आई वैसे ही नक्सलियों ने ब्लास्ट कर दिया। इस ब्लास्ट में गाड़ी में सवार 10 जवान और एक वाहन चालक के शरीर के चिथड़े उड़ गए। 

नक्सलियों ने इस घटना के लिए करीब 50 किलो की IED का इस्तेमाल किया. धमाका इतना जोरदार था कि करीब डेढ़ किलोमीटर दूर तक इसकी आवाज सुनाई दी। वारदात के बाद नक्सलियों की स्मॉल एक्शन टीम जंगल की तरफ भाग गई।