यूपीए के कुकर्मों पर परदा डालने के लिए कुछ लोगों ने अपना नाम INDIA रख लिया है : PM मोदी

Rozanaspokesman

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मोदी ने कहा,‘‘यूपीए का नाम बदला है ताकि ये आतंकवाद के सामने घुटने टेकने का अपना पाप छिपा सकें।

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जयपुर:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का भरोसा जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि 'आज राजस्थान में एक ही गूंज है, एक ही नारा है... जीतेगा कमल, खिलेगा कमल।' इसके साथ ही मोदी ने विपक्षी दलों के नए गठबंधन को लेकर भी निशाना साधा और इसे मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और उसके सहयोगियों का नया पैंतरा करार दिया । प्रधानमंत्री ने साथ ही कहा कि यूपीए के कुकर्मों पर परदा डालने के लिए कांग्रेस और उसके साथियों ने अपना नाम यू.पी.ए. से बदलकर आई. एन. डी. आई. ए. कर दिया है लेकिन जनता इनका एक बार फिर से वही हाल करेगी जो पहले किया था।

विपक्ष के नए गठबंधन ‘इंडिया’ (आई.एन.डी.आई.ए.) को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री ने सीकर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,‘‘नए गठबंधन को ‘इंडिया’ नाम दिया गया है। ये लोग आज जब आईएनडीआईए की बात करते हैं तो दिखावा लगता है, झूठ लगता है।’’

इसके साथ ही मोदी ने कहा कि कांग्रेस आज की तारीख में देश की सबसे बड़ी दिशाहीन पार्टी बनकर रह गई है।

उन्होंने कहा,‘‘कांग्रेस आज देश की सबसे बड़ी दिशाविहीन पार्टी बनकर रह गई है। इन दिनों कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने एक नया पैंतरा चला है, ये पैंतरा है- नाम बदलने का। पहले के जमाने में कोई कंपनी बदनाम हो जाती थी तो तुरंत कंपनी वाले नया बोर्ड लगाकर लोगों को भ्रमित करने का काम करते थे। नाम बदलकर लोगों को मूर्ख बनाकर अपना धंधा पानी चलाने की कोशिश करते थे। कांग्रेस व उसके साथियों की जमात ऐसी फ्रॉड कंपनियों की नकल कर रही है। यूपीए (संप्रग) के कुकर्म लोगों को याद न आएं इसलिए अपना नाम यू.पी.ए. से बदलकर आई. एन. डी. आई. ए. कर दिया है। और इतना लंबा कर दिया कि लोग भूल जाएं।’’

मोदी ने कहा,‘‘यूपीए का नाम बदला है ताकि ये आतंकवाद के सामने घुटने टेकने का अपना पाप छिपा सकें। इन्होंने नाम बदला है ताकि ये कर्जमाफी के नाम पर किसानों से अपने विश्वासघात को छुपा सकें। यूपीए नाम बदला है ताकि ये गरीबों के साथ किए गए छल कपट को छिपा सकें।'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,‘‘इनका तरीका वही है जो हमेशा देश के दुश्मनों ने अपनाया है। पहले भी ‘इंडिया’ के नाम के पीछे अपने पाप को छुपाने का प्रयास किया गया है। इंडिया नाम तो ईस्ट इंडिया कंपनी में भी था। लेकिन वहां इंडिया नाम अपनी भारत भक्ति दिखाने के लिए नहीं बल्कि भारत को लूटने के इरादे से लगाया गया था। कांग्रेस के शासनकाल में सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया बना था। नाम में इंडिया था लेकिन उसका मिशन, इंडिया को आतंकी हमलों से बर्बाद करने का था। जब इसके कुकर्म सामने आए तो सिमी पर प्रतिबंध लगाया गया और जब यह प्रतिबंध लगा तो फिर नया नाम लेकर आए। उन्होंने भी नाम बदला..पीएफआई। सिमी बन गया पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया... नए नाम में फिर इंडिया लेकिन काम वहीं पुराना।’’

मोदी ने कहा,‘‘ आई एन डी आई ए के नाम के लेबल से ये अपने पुराने काम को छुपाना चाहते हैं। यूपीए के कारनामों को छुपाना चाहते हैं। अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये विदेश में जाकर विदेशियों से भारत में दखल देने की बात करते? अगर इन्हें इंडिया की परवाह होती तो क्या ये सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाते? अगर इन्हें इंडिया की चिंता होती तो क्या गलवान में भारतीय सेना के शौर्य को कटघरे में रखते? ये वही चेहरे हैं, जो आतंकी हमला होने पर दुनिया के आगे रोते थे, कुछ नहीं करते थे। इन्हें देश के सुरक्षा बलों के सामर्थ्य पर भरोसा नहीं है, इन्‍होंने सैनिकों का हक मारा है।’’.

प्रधानमंत्री ने कहा,‘‘ जो लोग टुकड़े टुकड़े गैंग को गले लगाते हैं, जो लोग भारत में भाषा के आधार पर बंटवारा करते हैं, जो लोग विदेशों से संबंध भी इस आधार पर बनाते हैं कि उनका वोट बैंक नाराज न हो जाए- उनके लिए राष्ट्रहित नहीं बल्कि वोट बैंक सर्वोपरि है।’’.

उन्होंने कहा,'‘‘ ये लोग आज जब आई एन डी आई ए की बात करते हैं तो दिखावा लगता है, छलावा लगता है, झूठ लगता है। इन लोगों में अहंकार कूट कूट कर भरा है। एक बार इन्होंने नारा दिया था 'इंदिरा इज इंडिया' व 'इंडिया इज इंदिरा' तब देश की जनता ने उनका हिसाब चुकता कर दिया था... चुन चुनकर साफ कर दिया था। अहंकार से भरे लोगों ने फिर वही पाप दोहराया है। ये लोग सुधरने को तैयार नहीं हैं। ये लोग कह रहे हैं कि यूपीए इज इंडिया, इंडिया इज यूपीए।

मोदी ने कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी ने नारा दिया था- 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' और अंग्रेजों को भारत छोड़ कर जाना पड़ा था। वैसे ही आज का नारा है- भ्रष्टाचार छोड़ो इंडिया, परिवारवाद छोड़ो इंडिया, तुष्टिकरण छोड़ो इंडिया।