माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर दर्जनों पर्वतारोहियों को किया गया सम्मानित

Rozanaspokesman

शानू शेरपा को भी सम्मानित किया गया। इन्होंने दुनिया की सभी 14 सबसे ऊंची चोटियों पर दो बार चढ़ाई की है।

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काठमांडू : पर्वतारोही एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे द्वारा 'माउंट एवरेस्ट' की पहली चढ़ाई की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर नेपाल ने रिकार्ड बनाने वाले शेरपा गाइड और पर्वतारोहियों को सोमवार को सम्मानित किया। न्यूजीलैंड के एक मधुमक्खी पालक एडमंड हिलेरी और उनके शेरपा गाइड तेनजिंग नॉर्गे ने आज ही के दिन यानी 29 मई 1953 को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को फतेह कर इतिहास रच दिया था।

एवरेस्ट पर चढ़ाई की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर यहां हजारों शेरपा गाइड और सरकारी अधिकारियों ने एक रैली में हिस्सा लिया, इस दौरान उन्होंने 'हिमालय बचाओ' लिखे बैनर भी लहराये। पड़ोसी देश नेपाल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित होने वाले लोगों में शेरपा गाइड कामी रीता भी शामिल है। उन्होंने रिकार्ड 28 बार एवरेस्ट की चढ़ाई की है।

इसके अलावा, शानू शेरपा को भी सम्मानित किया गया। इन्होंने दुनिया की सभी 14 सबसे ऊंची चोटियों पर दो बार चढ़ाई की है।

नेपाल की पर्यटन मंत्री सुशीला सिरपाली ठाकुरी ने एवरेस्ट पर चढ़ाई करने वाले हरि बुद्ध मगर को भी सम्मानित किया। हरि, दोनों पैरों से दिव्यांग हैं। इस अवसर पर, रूस, उत्तरी अमेरिका, फ्रांस और नेपाल के दर्जनों पर्वतारोहियों को चांदी के पदक प्रदान किए गये। पदक पर एवरेस्ट का चिन्ह अंकित किया गया है।

पदक पाने वालों में एक भारतीय नागरिक भी शामिल है, जिसने 2021 में 8,848.86 मीटर ऊंचे एवरेस्ट शिखर की चढ़ाई की थी। नेपाल पर्वतारोहण संघ के महासचिव मोहन लमसाल ने कहा, "पहली बार, हम एवरेस्ट पर चढ़ने वाले स्थानीय और विदेशी पर्वतारोहियों को पदकों से सम्मानित कर रहे हैं।" अधिकारियों ने कहा कि नॉर्गे और हिलेरी के परिवारों को सम्मानित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था।

उन्होंने कहा, सात दशक पहले उनके कठिन प्रयासों के बाद से अब तक 7,621 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट की चढ़ाई की है। नेपाल के पर्यटन विभाग के अनुसार, इस वसंत ऋतु में 600 से अधिक पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट की चढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि एवरेस्ट की चढ़ाई का मौसम मार्च महीने से शुरू होता है और मई के अंत में खत्म हो जाता है क्योंकि इसके बाद मानसूनी हवाएं चलने और बर्फ के पिघलने से चढ़ाई मुश्किल हो जाती है।

नेपाल सरकार हर साल 29 मई को माउंट 'एवरेस्ट दिवस' के रूप में मनाती है, क्योंकि इसी तारीख को पहली बार एवरेस्ट की चढ़ाई की गई थी। संयोग से 29 मई को ही नेपाल में गणतंत्र दिवस भी मनाया जाता है।