Fact Check: पेरिस में किसानों का संघर्ष सही है...लेकिन ये वायरल तस्वीर गलत है, फैक्ट चेक रिपोर्ट

फेक्ट चैक

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है।

Fact Check AI Generated image viral in the name of farmers protest in Paris

RSFC (Team Mohali)- फ्रांस में चल रहे किसानों के प्रदर्शन को लेकर सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें किसानों को एफिल टावर पेरिस के सामने पुआल का ढेर लगाते हुए देखा जा सकता है। इस तस्वीर को फ्रांस में चल रहा किसानों का संघर्ष बताया जा रहा है और यूजर्स इसे असली मान रहे हैं।

हाल के दिनों में, फ्रांस में 70,000 से अधिक किसानों ने सरकार की नीतियों पर असंतोष व्यक्त करते हुए, 41,000 से अधिक ट्रैक्टरों सहित देश भर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया है। फ्रेंच नेशनल फेडरेशन ऑफ एग्रीकल्चरल होल्डर्स यूनियंस (एफएनएसईए) ने एक्स पर एक बयान में यह जानकारी दी थी।

फेसबुक यूजर  "Thakur Singh Sandhu Saab" ने इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया कि वायरल यह तस्वीर फ्रांस में चल रहे किसानों के आंदोलन की है।

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है। अब लोग AI द्वारा बनाई गई तस्वीर को असली समझकर वायरल कर रहे हैं।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये तस्वीर मिली। हालाँकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इस छवि को AI जनरेटेड बताया गया है।

"वायरल तस्वीर AI जनरेटेड है"

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ यूजर्स इस तस्वीर को ifonly.ai की कला बता रहे हैं। आपको बता दें कि यह अकाउंट एआई जनरेटेड तस्वीरें शेयर करता है। हमें यहां एक पोस्ट मिली जिसमें किसानों के संघर्ष से जुड़ी तस्वीरें बनी थीं। यहां उपलब्ध जानकारी के मुताबिक ये तस्वीरें एक सीरीज के हवाले से शेयर की गई हैं।

"इस अकाउंट के कला निर्देशक ने की पुष्टि"

हमें लिंक्डइन पर इस अकाउंट के कला निर्देशक "विंसेंट स्माद्ज़ा" द्वारा वायरल तस्वीर साझा करते हुए और इसे एआई जेनरेटेड बताते हुए एक पोस्ट मिली। निर्देशक ने तस्वीर के कैप्शन में लोगों से यह भी अपील की है कि इस तस्वीर को असली बताकर शेयर न किया जाए और जहां भी यह तस्वीर शेयर की जाए वहां यह बताया जाए कि यह तस्वीर एआई टूल्स की मदद से बनाई गई है।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर AI द्वारा बनाई गई है। अब लोग AI द्वारा बनाई गई तस्वीर को असली समझकर वायरल कर रहे हैं।