फर्जी खबरों से बचें: लड़की को सरेआम गोली मार देने का यह वीडियो मणिपुर का नहीं

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक पाया है।

Fact Check Old video of brutality in Myanmar viral in the name of Manipur Violence

आरएसएफसी (टीम मोहाली)- मणिपुर में हुई दरिंदगी का गुस्सा अभी थमा नहीं है और अब एक ओर बर्बरता का वीडियो वायरल किया जा रहा है। इस वायरल वीडियो में मिल्ट्री की वर्दी पहने लोगों को एक लड़की को सरेआम गोली मारते देखा जा सकता है। अब दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो मणिपुर से सामने आया है। 

ट्विटर अकाउंट K N Alam ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "यह भयानक वीडियो मणिपुर का है। जो हर किसी का दिल दहला देगा। यह कौन लोग हैं जो पहले लड़की को टॉर्चर करते हैं उसके बाद फिर सड़क के बीच घुटनों पर खड़ा करके उसको सर पर गोली मारकर मौत के घाट उतार देते हैं।"

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो मणिपुर का नहीं है। यह म्यांमार का एक पुराना वीडियो है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो के कई कीफ्रेम्स निकाले और उन पर रिवर्स इमेज सर्च किया।

बता दें कि वायरल वीडियो पुराना है और म्यांमार का है

हमें यह वीडियो "reeleak.com" नाम की वेबसाइट पर 9 दिसंबर 2022 का साझा किया गया मिला। इस वीडियो को शेयर करते इसे म्यांमार का बताया गया और कैप्शन दिया गया, "Warning - Cruel Punishment In Myanmar"

अब इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया और हमें वीडियो को लेकर आधिकारिक रिपोर्टस मिलीं। 

elevenmyanmar.com  ने 3 दिसंबर 2022 को मामले को लेकर खबर साझा की और शीर्षक लिखा, "A young woman beaten, shot dead, and was forced to make a confession that she was a “military informant,” according to a video circulating on social media"''

यहां मिली जानकारी के मुताबिक यह वीडियो म्यांमार का है जहां एक लड़की को जबरन जासूस कबूल करवा सरेआम मार दिया गया।

हमारी अब तक की जाँच में यह साफ़ हुआ कि वायरल वीडियो मणिपुर का नहीं है और यह म्यांमार का एक पुराना वीडियो है। 

"आखिर मणिपुर में क्यों हो रही है हिंसा"

आपको बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेतई संप्रदाय की मांग के खिलाफ 3 मई को पहाड़ी जिलों में आयोजित 'आदिवासी एकता मार्च' के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गईं थी। ये झड़पें इतनी बढ़ गई हैं कि ये सिलसिला अभी तक नहीं रुका है और हजारों लोग मणिपुर से दूर-दराज के इलाकों में बसने लगे हैं।

नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो मणिपुर का नहीं है। यह म्यांमार का एक पुराना वीडियो है।