‘विक्रम’ लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर की सॉफ्ट लैंडिंग : इसरो

Rozanaspokesman

गैजेट्स - ऑटो

इसरो ने कहा कि ‘विक्रम’ लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ गया।

'Vikram' lander once again makes soft landing on lunar surface: ISRO

बेंगलुरु:  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने सोमवार को कहा कि ‘विक्रम’ लैंडर उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा और इसने चंद्रमा की सतह पर एक बार फिर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। इसरो ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर बताया कि कमांड मिलने पर ‘विक्रम’ (लैंडर) ने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया।

इसरो ने कहा कि ‘विक्रम’ लैंडर अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ गया। इसरो ने कहा कि अभियान की महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रक्रिया से अब भविष्य में ‘सैंपल’ वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ गई हैं।

इसरो ने पोस्ट में कहा, ‘‘‘विक्रम’ ने एक बार फिर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की। ‘विक्रम’ लैंडर अपने उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में और आगे बढ़ा। यह उम्मीद भरे एक प्रयोग से सफलतापूर्वक गुजरा। कमांड मिलने पर इसने इंजनों को ‘फायर’ किया, अनुमान के मुताबिक करीब 40 सेंटीमीटर तक खुद को ऊपर उठाया और आगे करीब 30-40 सेंटीमीटर की दूरी पर सुरक्षित लैंड किया।’’

अंतरिक्ष एजेंसी ने लिखा, ‘‘महत्व क्या है? : इस प्रक्रिया से भविष्य में ‘सैंपल’ वापसी और चंद्रमा पर मानव अभियान को लेकर आशाएं बढ़ गई हैं। ‘विक्रम’ की प्रणालियां ठीक तरह से काम कर रही हैं और वे ठीक हालत में हैं, लैंडर में मौजूद रैम्प और उपकरणों को बंद किया गया और प्रयोग के बाद पुन: सफलतापूर्वक तैनात किया गया।’’

भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के ‘विक्रम’ लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था। भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।