विनेश अच्छी पहलवान हैं लेकिन मैं उनसे बेहतर करने की कोशिश करूंगी : अंतिम पंघाल

Rozanaspokesman

खेल

अंतिम पंघाल एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं जो दो विश्व चैम्पियनशिप पदक अपने नाम कर चुकी हैं। 

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New Delhi: लगातार दो अंडर-20 विश्व खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान अंतिम पंघाल ने कहा कि उनकी कोशिश सीनियर पहलवान विनेश फोगाट से बेहतर प्रदर्शन करने वाली खिलाड़ी बनने की होगी। एशियाई खेलों के लिए विनेश को सीधे प्रवेश दिये जाने के फैसले को अदालत में चुनौती देने वाली पंघाल की याचिका खारिज कर दी गयी। अंत में विनेश ने घुटने की चोट के कारण एशियाई खेलों से हटने का फैसला किया।

पंघाल अपनी अनुभवी साथी विनेश की उपलब्धियों से वाकिफ हैं जो एशियाई खेलों की चैम्पियन हैं और कई एशियाई चैम्पियनशिप पदक जीत चुकी हैं। वह एकमात्र भारतीय महिला पहलवान हैं जो दो विश्व चैम्पियनशिप पदक अपने नाम कर चुकी हैं। हालांकि विनेश जिन दो ओलंपिक रियो (2016) और तोक्यो (2021) खेलों में पहुंची, उनसे खाली हाथ लौटीं।

पंघाल ने ‘वर्चुअल’ बातचीत में कहा, ‘‘विनेश बहुत अच्छी पहलवान है, उनके नाम राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल और विश्व चैम्पियनशिप में पदक हैं, लेकिन मैं उनसे बेहतर करने की कोशिश करूंगी। उनसे बेहतर करने की कोशिश के लिए उनसे ज्यादा मेहनत करूंगी। ’’. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अभ्यास बहुत अच्छा चल रहा है। मैं कल विश्व चैम्पियनशिप के ट्रायल्स में हिस्सा लूंगी। मैं काफी लंबे समय से एशियाई खेलों के लिए अभ्यास कर रही हूं। ’’

पंघाल ने पिछले हफ्ते जोर्डन के अम्मान में अंडर-20 विश्व चैम्पियनशिप में अपने 53 किग्रा खिताब का बचाव किया। पंघाल और विनेश दोनों 53 किग्रा वजन वर्ग में खेलती हैं और दोनों के बीच प्रतिद्वंद्विता तब शुरु हुई जब पंघाल के ट्रायल्स जीतने के बावजूद एशियाई खेलों के लिए विनेश को स्वत: ही चुन लिया गया।

पंघाल ने कहा, ‘‘एशियाड में सभी देशों के पहलवान काफी मजबूत होंगे। यह मेरे पहले एशियाई खेल हैं इसलिये मैं अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करूंगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने खेल पर काफी कड़ी मेहनत कर रही हूं, मानसिक रूप से शांत बने रहने के लिए ध्यान लगा रही हूं। मैं सिर्फ ‘रिलैक्स’ बने रहने की कोशिश करती हूं और ध्यान मुझे यह देता है। ’’

पंघाल ने कहा कि पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों की टीम में जगह बनाने में विफलता के बाद कुश्ती के प्रति उनके रवैये के साथ उनकी जिदंगी बदल गई। बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल्स में विनेश से हारने के बाद पंघाल ने खेल को ज्यादा गंभीरता से लेना शुरु किया।