श्रावणी मेला शुरू, नगर बना नर्क, सरकार का इंतजाम नदारद: विजय कुमार सिन्हा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

परंपरा को ध्यान में रखकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए।-सिन्हा

Vijay Kumar Sinha

पटना:  बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष  विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि श्रावणी मेला में सरकार की रुचि नहीं रहने के कारण सुल्तानगंज, अशोकधाम औऱ सिमरिया सहित अन्य 44 स्थानों पर लगने वाले मेला के लिये सरकार ने कोई इंतजाम नहीं किया है।

सिन्हा ने कहा कि विश्व प्रसिद्ध सुल्तानगंज से देवघर तक की कांवर यात्रा के लिए सरकार द्वारा कोई विशेष तैयारी नहीं की गई है। कांवरियों के लिये पथ की सुगमता, आवासन, सुरक्षा, चिकित्सा, धर्मशालाओं का रखरखाव एवम परिवहन आदि की व्यवस्था इस बार सरकार की प्राथमिकता सूची में नहीं है। कांवरियों को सुल्तानगंज घाट में भी गंगा स्नान में असुविधा हो रही है। रास्ते में जगह जगह पीने का पानी, शौचालय औऱ कांवर रखने हेतु स्टैंड भी पर्याप्त नहीं है।

सिन्हा ने सरकार से मांग की है की सुल्तानगंज का नाम वदल कर अजगैबीनाथ कर दिया जाए। इससे बिहार का यह धार्मिक औऱ हिंदुओं की आस्था का स्थल गुलामी की प्रतीक से बिहार को मुक्ति दिलाने में सफल होगा।

सिन्हा ने कहा कि नगर विकास बिभाग के प्रभार में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं जो जमीन के बदले नौकरी मामले में चार्जशीटेड हो गये हैं।वैसे तो यह समाचार जदयू एवम इनके शीर्ष नेतृत्व के लिए खुशखबरी है क्योंकि माननीय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा आबेदन औऱ सबूत के कागजात उपलब्ध कराने के फलस्वरूप ही पहले लालू जी औऱ अब तेजस्वी जी पर चार्जशीट दाखिल सम्भव हो सका है।अब राज्य की जनता को इंतजार है कि इस मामले में पूर्वक, नैतिकता और छवि को अक्षुण्ण रखने के नाम पर सरकार कौन सा कदम उठाती है। परंपरा को ध्यान में रखकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव जी को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए।

सिन्हा ने कहा कि पिछले15 दिनों से राज्य में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर है। राज्य के सभी कार्य ठप हो गये हैं। प्रशासनिक अराजकता के कारण भरस्टाचार और अपराध भी चरम पर है। मुख्यमंत्री जी दिनभर विधायकों औऱ सांसदों से मिल रहे हैं। स्वाभाविक है कि राजद द्वारा जदयू को तोड़े जाने की चर्चा के कारण परेशान हैं। उपमुख्यमंत्री पर चार्जशीट होना जदयू के लिए राहत भरी खबर है। लेकिन जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष काफी परेशान हैं। यह चिंता का विषय है।