आकलन के आधार पर आवंटन करे केंद्र, प्रदेश में किसानों को न झेलनी पड़े खाद संकट: ललन सिंह

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

लोकसभा में मामला उठाते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि रबी का मौसम में अक्टूबर से फरवरी के बीच अधिक खाद की जरूरत होती है।

Center should allocate on the basis of assessment, farmers should not face fertilizer crisis in the state: Lalan Singh

पटना: बिहार को कम यूरिया आपूर्ति के मामले को लेकर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने रबी फसल के दौरान यूरिया की आपूर्ति को रोके जाने का आरोप लगाया। फसल लगाए जाने के समय में खाद की आपूर्ति में कमी होने के कारण उन्होंने किसानों के फसल प्रभावित होने की आत कही। खाद आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए जदयू सांसद ने कहा कि बिहार के मामले में केंद्र सरकार की ओर से इस बार रबी के मौसम को लेकर आकलन किया गया था। भारत सरकार ने जो आकलन किया, उसके मुताबिक 12.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन होना था। लेकिन यह आवंटन नहीं हो पाया।

लोकसभा में मामला उठाते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि रबी का मौसम में अक्टूबर से फरवरी के बीच अधिक खाद की जरूरत होती है। इस समय रबी फसल की बुआई और उसकी सिंचाई के बाद ग्रोथ को बढ़ाने के लिए यह जरूरत निर्धारित की जाती है। लेकिन, केंद्र सरकार ने आकलन के स्तर पर आवंटन नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अक्टूबर से फरवरी के बीच बिहार को आकलन का केवल 86 फीसदी यूरिया ही आवंटित किया। 14 फीसदी यूरिया की आपूर्ति नहीं की गई।

ललन सिंह ने कहा कि इस कारण बिहार में अफरा-तफरी मच गई। खाद का संकट आ गया। किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खाद की कमी के कारण फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जो खाद का आकलन किया जाता है, उसके अनुरूप ही आवंटन भी होना चाहिए। रबी का मौसम हो या फिर खरीद का मौसम, समय पर आवंटन होना चाहिए। किसानों को इससे सही समय पर खाद उपलब्ध कराने में कामयाबी मिलेगी। फसल भी प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से कृषि पर आधारित है। इस स्थिति में अगर खाद की आपूर्ति कम होगी तो राज्य सरकार उसे अपने स्तर पर किस प्रकार मैनेज कर सकती है। खाद का मामला केंद्र के दायरे में है।