Patna News: पटना में 16 से तीन दिवसीय मिलेट्स महोत्सव

राष्ट्रीय, बिहार

पद्मश्री डॉ. खादर वली बताएँगे मोटे और छोटे अनाज के फायदे, मिलेट्स महोत्सव का राज्यपाल करेंगे उद्घाटन

Three-Day Millets Festival From 16th In Patna News In Hindi

Patna News In Hindi: पटना, 100 वर्षों तक या उससे भी ज्यादा बिना किसी दवा के पूर्णत: निरोग और स्वस्थ जीवन के 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आगामी दिनांक 16, 17 और 18 जून 2024 को “रवीन्द्र भवन” पटना में “अवसर ट्रस्ट” द्वारा आयोजित हो रहा है। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 16 जून को सुबह 10 बजे बिहार के माननीय राज्यपाल श्री राजेन्द्र अर्लेकर करेंगे।

मुख्य अतिथि बिहार के कृषि मंत्री श्री मंगल पांडे होंगे। इसके मुख्य आयोजक अवसर ट्रस्ट और सह आयोजक आदि चित्रगुप्त मुद्रा बैंक और आद्या आर्गेनिक है। इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए देश भर से 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन करवा लिया है। बिहार सरकार का कृषि विभाग भी इसे स्पौंसर कर रहा है। प्रशिक्षण शिविर में मोटे अनाज के फायेदे और इसके बनाने और खाने की विधि भी विस्तार बताई जाएगी। प्रशिक्षण शिविर में देश भर के कई मिलेट्स उत्पादकों का स्टाल भी लगाया जा रहा है। डॉ० खादर यह बताएँगे कि कैसे आहार को ही अपनी औषधि बना सकते हैं। यह जानकारी आज आयोजित प्रेस वार्ता में आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद श्री आर के सिन्हा ने दी। 

श्री सिन्हा ने कहा कि इस शिविर में मिलेट मैन के नाम से मशहूर पदमश्री डॉ खादर वली तीनों दिन स्वयं सुबह से शाम तक प्रशिक्षण देंगे और बताएँगे कि किस प्रकार हम मोटे अनाज से किसी भी गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज कर सकते हैं। वे खाद्य और पोषण विशेषज्ञ हैं, जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप, थायराइड, हृदय रोग, कैंसर, किडनी, लिवर आदि जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए मिलेट्स के सेवन की कारगर विधि बताते हैं। आंध्रप्रदेश के डॉ खादर वली इन दिनों मैसूर में रह रहे हैं जहाँ वे कृषि विज्ञान पर शोध के साथ देश के किसानों को मोटे अनाज उगाने के लिए तो प्रेरित कर रहे हैं कि किस प्रकार गेंहू और चावल की जगह मोटे अनाज का उपयोग कर सकते हैं।

एक स्वतंत्र वैज्ञानिक 66 वर्षीय डॉ वली ने खाद्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सारी परियोजनाओं पर काम किया है। वे 20 सालों से मोटे और छोटे अनाज की पैरवी के साथ ही गेहूं, चावल और चीनी के नुकसान से भी लोगों को अवगत करा रहे हैं। उनका मानना है कि लोगों के जीवन में लाइफस्टाइल विकार मुख्य रूप से चावल, गेहूं, चीनी, डेयरी के दूध और मिलावटी तेलों के भोजन से आ रहे हैं।

डॉ वली ने अपने चुने पांच मोटे अनाजों का मिश्रण को “श्रीधान्य” का नाम दिया इसके लिए उन्होंने पारंपरिक कृषि पद्धति को प्रोत्साहित किया। इनके जरिये उन्होंने हजारों लोगों का इलाज भी किया। कई बीमारियों को ठीक करने में मददगार इन मोटे और छोटे अनाजों का उत्पादन आने वाले समय में क्रांतिकारी रूप से बढ़ेगा जिसका फायदा भारत उठा सकता है। वह मिलेट्स खाने के फायदों की वकालत करने के साथ-साथ मिट्टी की उर्वरता को बचाने और सही प्रकार की कृषि पद्धतियों का प्रयोग जल संचय और पर्यावरण समृद्धि पर भी सार्थक कार्य कर रहे हैं।

(For more news apart from Three-Day Millets Festival From 16th In Patna news in hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)