सांसद वरुण गांधी के साथ होगी वसुधैव कुटुम्बकम परिषद की बौद्धिक संगोष्ठी : जेएन त्रिवेदी

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

 इस अवसर पर बौद्धिक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय सांसद वरुण गाँधी होंगे।

Vasudhaiva Kutumbakam Parishad's intellectual seminar will be held with MP Varun Gandhi: J.N.Trivedi

पटना,  (संवाददाता): वसुधैव कुटुम्बकम परिषद के तत्त्वावधान में 19 मार्च को मध्याह्न 12.30 बजे से संगोष्ठी आरम्भ होगी।  इस अवसर पर बौद्धिक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि माननीय सांसद वरुण गाँधी होंगे।  जनहित और राष्ट्रहित में उनकी विचारधारा वसुधैव कुटुम्बकम परिषद के उद्देश्य के सर्वथा अनुकूल है। इसलिए वरुण गाँधी के साथ बौद्धिक संगोष्ठी करने का निर्णय लिया गया है। इनके साथ संगोष्ठी में परिषद से जुड़े कई गन्यमान्य विद्वान, वक्ता, नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता भाग लेंगे।

इस संदर्भ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उक्त आशय की जानकारी  साझा करते हुए परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएन त्रिवेदीत्रिवेदी ने कहा - वर्तमान काल  जातिवादी राजनीति से खंड खंड में विखण्डित जन मानस में राष्ट्रीय नागरिक कर्तव्य बोध की चेतना जगाने का आह्वान कर रही है। क्योंकि भारत का वर्तमान देश, काल और परिस्थिति जाति धर्म विरोधी वातावरण में गणतांत्रिक, प्रजातांत्रिक राजनीतिक मूल्य हाशिये पर चला गया है। बॉटने, काटने और राज करने की जिस कुनीति को अपनाकर अंग्रेजों ने भारत पर राज भी किया और लूटा, आज जातिवाद और सम्प्रदायवाद की राजनीति करनेवाले स्वदेशी उस कुनीति को अपनाकर देशवासियों को बांट रहे है, जोड़ तोड़ से येन केन प्रकारेण सत्ता हासिल करने वाली राजनीति कर रहे हैं और भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानकर निर्ममता पूर्वक जनहित एवं राष्ट्रहित के लिए उपलब्ध आर्थिक संसाधनों को लूट रहे हैं।

उन्नत नई पीढ़ी निर्माण के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,  ज्ञान, विज्ञान, कला, कौशल युक्त युवाओँ के निर्माण और उसकी उपयोगिता सुनिश्चित करना,  सरकार स्तर पर जनता को रोगों से बचाने और चिकित्सा की अपेक्षित सुविधा मुहैया कराना,  किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए और आत्मनिर्भरता के लिए उद्योग व्यापार को बढ़ावा देना आदि जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों पर सोचने के बजाय आज समाजवादी राजनीति के नाम पर समाज मे परस्पर जाति धर्म विरोध का वातावरण बनाकर वोट की राजनीति को अपने हित में साधने के लिए  मनुस्मृति, रामचरितमानस जैसे धर्मग्रंथों का विरोध होने लगा है। ऐसे लोग व्यक्तिधर्म, समाजधर्म और देशधर्म विरोधी बनकर देश के भविष्य के लिए संकट बनते जा रहे हैं। 

वसुधैव कुटुम्बकम परिषद ने उन जनविरोधी राष्ट्रविरोधी ताकतों को बेनकाब कर वर्तमान परिवेश के अनुकूल ऐसा वातावरण बनाने के लिए संकल्पित है जिसमें जातिवाद की अवधारणा को समाप्त कर वर्ण व्यवस्था की अवधारणा को वर्तमान में सर्वग्राह्य बनाना संभव हो। जिसमें ब्राह्मणत्व है वह ब्राह्मण कहलाने योग्य है चाहे उसकी जन्मना जाति कुछ भी हो।

 त्रिवेदी ने कहा कि आज समय आ गया है जन समुदाय की चेतना जगाने का कि मनुस्मृति में  भगवान मनु ने सम्पूर्ण मानव जाति के हित में क्या लिखा है ?  जो ज्ञान सदियों से वैश्विक बौद्धिक जगत में सर्वत्र समादृत है, उस ज्ञान के प्रति अपने स्वदेश में क्यों  कोई अयोग्य, अल्पशिक्षित, संस्कार, ज्ञान, गुण धर्म से हीन व्यक्ति(स्त्री पुरुष) भी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर भ्रमित कर रहा है। किसी भी धार्मिक आस्था और धर्मग्रंथ को अपमानित करने की इजाजत संविधान में नही है।

संवाददाता सम्मेलन में परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर.एन. मिश्रा, वरीय अधिवक्ता पंडितजी पाण्डेय, वशिष्ठ नारायण चौबे, महासचिव संतोष तिवारी ने भी आयोजन से संबंधित जानकारी साझा की।