संविधान औऱ संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं कर रही महागठबंधन सरकार: विजय कुमार सिन्हा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

। सिन्हा ने कहा है कि शिक्षा विभाग को राजभवन के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण से बचना चाहिए।

Vijay Kumar Sinha (file photo)

पटना : बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष  विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि जिनसे बिहार नहीं संभल रहा है उनके द्वारा देश बनाने का वयान हास्यास्पद है।वे मुख्यमंत्री के वयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार संविधान और संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान नहीं कर रही है। कार्यपालिका के द्वारा अपने कार्य क्षेत्र से वाहर जाकर हस्तक्षेप किया जा रहा है। सिन्हा ने कहा है कि शिक्षा विभाग को राजभवन के अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण से बचना चाहिए। वे विभाग द्वारा बी आर ए वी विश्वविद्यालय, मुज़फ़्फ़रपुर के कुलपति औऱ प्रतिकुलपति का शिक्षा विभाग द्वारा वेतन वंद करने औऱ वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाये जाने औऱ राजभवन द्वारा उसे अनुचित कहे जाने पर अपना विचार व्यक्त कर रहे थे।

सिन्हा ने कहा कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 के अधीन कुलाधिपति ही विश्वविद्यालय मामलों में कार्रवाई हेतु सक्षम प्राधिकार है।शिक्षा विभाग को मात्र ऑडिट करने की शक्ति है।लेकिन विभाग राजभवन के अधिकार क्षेत्र में अनावश्यक अतिक्रमण कर विवाद पैदा कर रहा है।आबश्यक समझने पर विभाग किसी मामले में राजभवन सचिवालय का ध्यान आकृष्ट कर सकता है लेकिन सीधे कार्रवाई कर गलत परम्परा स्थापित कर रहा है।

 सिन्हा ने कहा कि राज्य में विद्यालयों की पढ़ाई, अब संरचना,भवन औऱ शिक्षकों की भारी कमी है।इसे सुधारने के वजाय विभाग अनावश्यक उलझन पैदा करने में लगा है।शिक्षा व्यवस्था की अराजकता के कारण लाखों शिक्षक अभ्यर्थी और नियोजित शिक्षक परेशान है।इनका हल नहीं निकाला जा रहा है और मात्र आश्वासन दिया जा रहा है।  सिन्हा ने कहा कि विभाग को हेडलाइन में बने रहने का शौक हो गया है।मंत्री, अपर मुख्य सचिव और मंत्री के आप्त सचिव सम्बन्धी खबर राज्य में कई महीनों से चल रही है।कोई किसी का बात नहीं मान रहा है।नियम कानून को ताख पर रख कर मनमाने ढंग से विभाग में निर्णय लिये जा रहे हैं।इन निर्णयों से छात्र और अभिभावक परेशान हैं।रोज़ विभिन्न संगठनों द्वारा शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोला जा रहा है।

 सिन्हा ने कहा कि सुशासन के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री जी को अविलंब हस्तक्षेप करना चाहिए ताकि राजभवन औऱ शिक्षा विभाग में टकराव की परिस्थिति को टाला जा सके।