Bihar Politics News: 'वन नेशन-वन इलेक्शन' से राजद कांग्रेस परिवारवाद वाली पार्टियों भयभीत है: अरविन्द सिंह

राष्ट्रीय, बिहार

वन नेशन-वन इलेक्शन से देश का अरबों-खरबों रुपया बचेगा। गरीबों का पैसा बार-बार चुनाव में खर्च होता है।

RJD Congress dynastic parties are scared of 'One Nation-One Election': Arvind Singh

Bihar Politics News: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन से जनता के बीच अपना जनाआधार खो चुके राजद कांग्रेस जैसी वंशवादी और परिवारवादी पार्टियों को डर लग रहा है। क्योंकि यह सभी वंशवादी परिवारवादी भ्रष्टाचारी लोग जानते हैं कि देश में अगर अभी चुनाव हो गए तो यह स्वार्थी घमंडीया राजद कांग्रेस को जनता धूल चटाने का काम करेगी इसीलिए यह सभी बौखलाए हुए हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन से देश का अरबों-खरबों रुपया बचेगा। गरीबों का पैसा बार-बार चुनाव में खर्च होता है। वह उनके विकास और तरक्की पर खर्च होगा। इसलिए कुछ लोगों का सीना फट रहा है। घपले-घोटाले की राजनीति करने वाले को डर लग रहा है। जनता का विकास हो जाएगा तो परिवारवाद पर प्रहार होगा। हमेशा देश में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं इससे विकास कार्य बाधित होता है और अगर सारे इलेक्शन एक साथ होंगे तो इससे अरबो खरबो रुपए, समय और संसाधनों की बचत होगी जिसे जनता के हितों के लिए कार्य किए जा सकेंगे इसका स्वागत किया जाना चाहिए।

 अरविन्द ने कहा कि यह जो विभिन्न स्तरों पर चुनाव होते हैं राष्ट्रीय स्तर पर लोकसभा का अलग विधानसभा का अलग बाद में पंचायत का चुनाव फिर कभी बीडीसी का चुनाव और फिर कभी म्युनिसिपालिटी का चुनाव यह जो अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं इस कारण से मॉडल कोड आफ कंडक्ट देश में प्रदेश में कहीं ना कहीं लगा ही रहता है इसके कारण प्रशासन और गुड गवर्नेंस पर असर पड़ता है।

 इसके साथ-साथ जो लोगों के हितों में काम करने की जो गति होती है उसको बहुत बड़ी रुकावट लगती है और एक बार नहीं लगती है किसी भी प्रदेश में काम से कम तीन बार लगती है क्योंकि कोई ना कोई चुनाव होते रहते हैं इसी कारण गुड गवर्नेंस को भी असर पड़ता है। लोगों के कार्यों को भी असर पड़ता है। आर्थिक दृष्टि से भी एक तरीके से ठहराव आ जाता है, इससे फाइनेंशियल बर्डन पार्टियों पर और सरकार पर सब पर पड़ता है और आर्थिक दृष्टि से भ्रष्टाचार का कारण भी बनता है। 

वहीं दूसरी ओर साथ ही हमारे सिक्योरिटी फोर्सेज जो की इंटरनल और एक्सटर्नल सिक्योरिटी के लिए जिन्हें बॉर्डर पर लगना होता है। जिन्हें इंटरनल सिक्योरिटी के लिए लगा रहना पड़ता है उनकी बड़ी डेप्लॉयमेंट बारंबार राज्यों में इलेक्शन करने के लिए लगती है। इसके साथ-साथ जो हमारा एडमिनिस्ट्रेशन है इसके लिए उन्हें सामिल करते हैं जैसे बड़ी संख्या में टीचर्स लगाए जाते हैं। इससे विद्यार्थियों के शिक्षा पर असर पड़ता है। वैसे ही बड़ी संख्या में हेल्थ के स्टाफ को चुनाव के ड्यूटी पे लगाते हैं उससे हेल्थ सेक्टर पर असर पड़ता है। और तो और बड़ी संख्या में रिवेन्यू ऑफीसर्स और एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस ऑफिसर्स को लगाए जाते हैं जिससे उनके इलाके के एडमिनिस्ट्रेशन पर असर पड़ता है। 

 अरविन्द ने कहा कि तो इन सब बातों को देखते हुए लोकसभा , विधानसभा और पंचायतो में एक ही वोटर लिस्ट होना चाहिए और एक ही फोटो आइडेंटिटी कार्ड  वोटर लिस्ट का होनी चाहिए जो की लोकसभा विधानसभा और पंचायत के लिए मान्य होना चाहिए। 

 कम से कम लोकसभा विधानसभा का तो एक ही बार चुनाव होना चाहिए जिससे जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े क्योंकि आए दिन कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं और जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जिससे विकास कार्य अवरुद्ध होता है और समय और संसाधनों की काफी बर्बादी होती है।