बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ़ नहीं कर प्रधानमंत्री मोदी का किसान विरोधी चेहरा सामने आया : राणा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

बिहार के किसान कर्ज में डूबकर मरता है तो मरे सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं।

Prime Minister Modi's anti-farmer face came to the fore by not waiving the farm loans of Bihar farmers: Rana

Patna;  बिहार प्रदेश राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ़ नहीं करने के विरोध में आज पटना के आयकर गोलंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका जिसका नेतृत्व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राणा रणवीर सिंह ने किया उक्त कार्यक्रम में एनसीपी के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।पुतला दहन के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए राणा ने कहा कि बिहार में किसानों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है यहां के 75 प्रतिशत आबादी खेती बाड़ी से ही अपने घर को चलाते हैं . चुकी बिहार में कोई कल कारखाना नहीं है झारखंड अलग होने के बाद यहां कोई खनिज संपदा भी नहीं बचा जिसके कारण यहां के लोगों को सिर्फ खेती पर आश्रित रहना पड़ता है लेकिन केन्द्र सरकार ने बिहार के किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर यह साबित कर दिया कि बिहार के किसान कर्ज में डूबकर मरता है तो मरे सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं।

 राणा ने आगे बताया कि 2019 लोकसभा चुनाव एवं 2020 विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के अनेक नेताओं ने बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ़ करने की घोषणा किया था लेकिन जब चुनाव सम्पन्न हो गया तो भाजपाइयों ने अपना वादा पूरा नहीं किया।  राणा ने कहा कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़, झारखंड सहित अनेक राज्यों में कृषि ऋण माफ़ किया जा चुका है लेकिन बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ़ नहीं किया गया जबकी उत्तरी बिहार के दर्जनों जिले में हर साल बाढ़ आने से किसानों की कमर टूट गई है . वहीं दक्षिण बिहार के किसान सूखे की संकट झेलते झेलते भूखे रहने को मजबूर हैं ऐसे में बिहार के हजारों किसानों ने आत्महत्या कर लिया लेकिन केन्द्र सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंगा .

भाजपा सिर्फ़ चुनावों में किसानों के लिए लुभावने वादे किए लेकिन किसानों की हालात कैसे सुधरे उसके लिए कुछ नहीं सोचा इसलिए बाध्य होकर एनसीपी ने यह प्रण लिया है कि जब तक बिहार के किसानों का कृषि ऋण माफ़ नहीं किया जाता तब तक केन्द्र सरकार के किसान विरोधी चेहरे को बिहार के गांव गांव में घूमकर उजागर करने के लिए बिहार एनसीपी कमर कस चुकी है ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी कीमत पर केंद्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार नहीं बन सके।

राणा ने आगे कहा की बड़े बड़े उद्योगपतियों का लाखों करोड़ रुपए का कर्ज माफी की गई लेकिन अपने भूखे नंगे रहकर सम्पूर्ण देशवासियों का पेट भरने वाले किसानों का छोटा मोटा कर्ज़ सरकार नहीं माफ़ किया जिसके कारण किसानों में भाजपा के खिलाफ काफ़ी आक्रोश फैल रहा है और इसका खामियाजा आगमी चुनावों में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष राणा रणवीर सिंह ने बताया की आज से बिहार एनसीपी का भाजपा के खिलाफ बिहार के अडतीसो जिलों में किसानों की मांग को लेकर आंदोलन किया जाएगा जिसमें मुख्य रूप से कृषि ऋण माफ़ करने,किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त देने,ट्रैक्टर पर पचास प्रतिशत सब्सिडी देने, यूरिया खाद की कीमतों को कम करने एवं प्रचुर मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराने, किसानों की उपज का सही कीमत दिलाने,किसानों का आकस्मिक निधन पर 25 लाख रुपए का मुफ़्त बीमा कराने तथा किसानों को पांच हजार रुपये मासिक पेंसन देने एवं बाढ़, सुखाड़ एवं अन्य कारणों से फसल क्षति होने पर मुआवजा राशि पच्चीस हजार रुपये किसानों को देने की मांग को जब तक पूरी नहीं की जाती तब तक बिहार एनसीपी किसानों के समर्थन में राज्यव्यापी आंदोलन करते रहेगी।

पुतला दहन कार्यक्रम में पार्टी के अनेक लोग शामिल थे जिसमें प्रमुख हैं-प्रेमानंद राय, अविनाश प्रशांत पाठक,सुनील सिंह,वरुण कुमार,सतीश कुमार झा,डॉ एम भारती,धुपेन्द्र सिंह,रामजनम प्रसाद यादव,शेख अनीस,विश्वजीत कुमार अधिवक्ता,करण पासवान,राकेश कुमार,गुंजन कुमार,जय किरण,मनीष मौर्य,राजेश कुमार,शम्भू शाह,दिलीप कुमार श्रीवास्तव, राजेश कुमार पाण्डे,अमित कुमार,दीपू चौहान,देव कुमार सहनी,कमलेश यादव,मनीष कुमार, विनोद कुमार, आदि।