अपनी चाय और खिचड़ी लेकर चलते हैं, बिहार के किसी भी व्यक्ति का एक पैसा भी नहीं लिया: प्रशांत किशोर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

आज गोपालगंज में पदयात्रा का 10वां दिन है। वे जिले में लगभग 10 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के ...

Carry your tea and khichdi, never took a single penny from any person in Bihar: Prashant Kishor

गोपालगंज , (संवाददाता) : जन सुराज पदयात्रा के 115वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के हथुआ प्रखंड अंतर्गत सिंगहा पंचायत के सेमराव स्टेडियम स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। गोपालगंज प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा का चौथा जिला है। 2 अक्तूबर 2022 को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई पदयात्रा पश्चिम चंपारण, शिवहर और पूर्वी चंपारण होते हुए गोपालगंज पहुंची है। प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 1300 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं।

आज गोपालगंज में पदयात्रा का 10वां दिन है। वे जिले में लगभग 10 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को समझ कर उनका संकलन कर उसके समाधान के लिए पंचायत आधारित ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे, जिसे पदयात्रा खत्म होने के बाद जारी किया जाएगा। बिहार के किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा बिहार केवल देश में ऐसा राज्य है जहां सिंचित भूमि (एश्योर्ड एग्रीगेशन) जमीन 11% से घटकर कम हो गई है। इसके साथ खाद बीज, जल प्रबंधन की कुव्यवस्था के बावजूद किसान मेहनत करके जो उपज पैदा करता है, उसका सही कीमत उसको नहीं मिल रहा है।

पदयात्रा के दौरान जिन इलाकों से गुजरे हैं, वहां किसानों ने 2050 रुपए समर्थन मूल्य की फसलों को 1200-1600 रुपए के भावों में बेचने को मजबूर हैं। प्रशांत ने कहा कि बिहार में समर्थन मूल्य पर फसलों का ना खरीदे जाने से किसानों को पिछले 10 साल में करीब 25 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। अगर सरकार हर साल यहां की फसल केवल समर्थन मूल्य पर खरीद लेती तो यहां के किसानों को 25 हज़ार करोड रुपए ज्यादा मिलते। इसके साथ ही प्रशांत ने कहा किदेश के भूमिहीनों के आंकड़े (38%) के मुकाबले बिहार में 60% लोग भूमिहीन हैं। बिहार में दशकों से समाजवादके नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं के बावजूद यह स्थिति बनी हुई है। प्रशांत किशोर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 7 निश्चय योजना के तहत बेरोजगार युवकों के लिए 1 हज़ार रुपये मासिक भत्ता देने की बात कही गई थी।

आज किसी युवक को कुछ नहीं मिला है, ना कोई पूछता और ना कोई बताता है। मोटे तौर पर लोगों ने मान लिया है के यह स्कीम दबा दी या रद्द कर दी गई है। यात्रा के दौरान हमें कोई भी युवक ऐसा नहीं मिला है, जिसे बेरोजगारी भत्ता के तहत मासिक सहायता सरकार से मिल रही है। इसके साथ ही स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना को सही तरीके से लागू कर दिया जाता बिहार में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलता। बारहवीं की पढ़ाई के बाद किसी भी परिवार को अपनी जेब से पैसा खर्च नहीं करना पड़ता, उन्हें बैंको से सस्ती दरों से नौकरी मिलने तक ऋण मिलता। पदयात्रा के दौरान स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का फायदा किसी भी विद्यार्थी को जमीन पर मिलता हुआ अबतक मुझे दिखाई नहीं दिया है। पदयात्रा में हो रहे खर्च से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आज देश में 6 ऐसे राज्य हैं जहां कि सरकार बनने में हमने अपना कंधा लगाया है। उन्होंने कहा कि जन सुराज के माध्यम से बिहार में देश के सबसे बड़े क्राउडफंडिंग अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। क्राउड फंडिंग के माध्यम से ही जनसुराज अभियान को आगे चलाए जाना है।

ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही जिसमें बिहार के लोगों से ₹100- ₹200 उनके मोबाइल के जरिए लिया जा सके। अगर 2 करोड लोग 100-200 रुपए भी योगदान देंगे तो 200-300 करोड़ रुपये जमा हो जाएंगे और उसी पैसे से आगे काम किया जाएगा। समाज से ढूंढकर किसी गरीब में क्षमता है तो उसे चुनाव लड़वाने की जिम्मेदारी जन सुराज की है। प्रशांत ने कहा कि जन सुराज पदयात्रा में हम अपनी चाय और खिचड़ी साथ लेकर चलते हैं। बिहार के किसी बड़े व्यक्ति से एक पैसा नहीं ले रहे हैं, अगर यहां किसी से पैसा लेंगे तो फिर उसके हिसाब से चलना पड़ेगा। लेकिन जन सुराज अभियान का मूल है जनता जिसे चुने उसे आगे बढ़ाना और एक मंच पर लाकर अगर सर्वसम्मति बनती है तो उसे चुनाव लड़वाना।