प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार में दिए गए 31,203 करोड़ रुपये: गिरिराज सिंह

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा में बिहार के लिए वित्तीय वर्ष-2006-07 से 2013-14 तक केन्द्रीय निधि 9,649 था ।

Rs 31,203 crore given in Bihar under Pradhan Mantri Awas Yojana: Giri Raj Singh (फाइल फोटो)

पटना : भारत के आजादी के 75 वर्ष में पूरी दुनिया आवारा लोहा मानते हुए स्वीकार कर चुकी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक चमकता हुआ सितारा है भारत की आर्थिक विकास दर 7% रहने का अनुमान है . समावेशी विकास आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने वाला बजट है . इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने वाला यह बजट है . पिछले 8 वर्षों में जनधन योजना के तहत 48 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए 3.2 करोड़ लोगों को आवास दिया गया गांव-गांव को सड़क के जाल से जोड़ा गया . ग्रामीण क्षेत्र की मजबूती माननीय प्रधानमंत्री के लिए हमेशा प्राथमिकता रही है . 

प्रधानमंत्री आवास योजना को इस साल 55000 करोड़ का बजट दिया गया जो पिछले साल 20 1000 करोड़ पर था प्रधानमं त्री ग्राम सड़क योजना के तहत 19000 करोड़ रुपए आवंटित हुए हैं. मनरेगा को हम कंप्लायंस के माध्यम से भ्रष्टाचार मुक्त बनाना चाहते हैं । आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि बिहार प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकताओं में से एक है मनरेगा में जहां 2006 से 14 के बीच 9649 करोड़ रुपए खर्च हुए थे वह मोदी सरकार में 30000 खर्च किए जा चुके हैं.  

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 100 से 14 के बीच में कुल 3800000 आवास बनाए गए वही मोदी सरकार में 5200000 आवासपूर्ण किए जा चुके हैं फाइनेंस कमीशन के तहत 2006से 2014 के बीच ₹5342 जारी किए गए थे वही मोदी सरकार में पिछले 8 साल में 33000 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं . प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना केतहत मोदी सरकार में 16000 करोड़ पर अब तक खर्च किए जा चुके हैं जबकि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इसका आधा करीब 8000 करो ही खर्च किया गया था 2008 से 14 के बीच में नेशनल हाईवे में विकास के लिए बिहार में 3144 करोड़ रुपए खर्च किए गए जबकि 2014 केबाद करीब ₹3 5 हजार करोड़ राष्ट्रीय मार्गके विकास के काम चल रहे ।

भारत सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि बिहार में 59 हजार युवाओं को स्कील योजना के तहत प्रशिक्षण दिया गया । केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार की सरकार के वित्त मंत्री और ग्रामीण विकास मंत्री पैसा न देने का आरोप लगाते रहते हैं । बिहार आज आर्थिक बदहाली में चल रहा है । 8 वर्ष में पीएम आवास योजना के तहत लगभग 52,71,883 करोड़ आवास दिया गया । जबकि यूपीए सरकार ने केवल 38,48,807 आवास मिले थे । 2013-14 में यूपीए ने 15,253 रूपये दिया । 8 साल में एनडीए सरकार ने 31,203 करोड़ देने का काम किया है । इस वर्ष 75,000 करोड़ दिया । स्टेट नोडल अकाउंट में 2 हजार करोड़ से अधिक रूपये हैं । 1,29,329 मकान आवंटित कर पाए हैं ।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मनरेगा में बिहार के लिए वित्तीय वर्ष-2006-07 से 2013-14 तक केन्द्रीय निधि 9,649 था । जिसे बढ़ाकर एनडीए की सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2022-23 में 29,679 करोड़ कर दिया । पी.एम.ए.वाई-जी के लिए वर्ष 2006-07 से 2013-14 तक 15,253 करोड़ था जिसे बढ़ाकर 31,203 करोड़ कर दिया गया है ।

पी.एम.जी.एस.वाई के अन्तर्गत बिहार के लिए वित्तीय 2013-14 तक कुल पूर्ण सड़क 7011 थी जिसके लिए 8059 करोड़ किए गए थे जिसे बढ़ाकर एनडीए सरकार ने पूर्ण सड़क की संख्या बढ़कर 10176 तथा जारी किये गये केन्द्रांश को 18,232 करोड़ कर दिया गया । राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत 2006-07 से 2013-14 के बीच जारी किए गए 3491.41 करोड़ से बढ़ाकर 2014-15 से से 2022-23 के बीच 10245.96 करोड़ कर दिया गया जो लगभग तिगुना है । दीनदयाल अन्त्योदय योजना के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन स्कीम के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2013-14 तक एसएचजी ग्रुपों की प्रगति हेतु 146.83 करोड़ की सहायता दी गई थी, जिसे वित्तीय वर्ष 2022 तक लगभग 200 गुना बढ़ाकर 28362.09  करोड़ कर दिया गया ।

DDU-GKY वर्ष 2014 में लागू हाने के बाद बिहार के लिए जनवरी, 2023 तक 69,719 लोगों को प्रशिक्षित कराकर 35,234 लोगों को नियोजित किया जा चुका है । वित्तीय वर्ष 2016-22 में आम जन मानस की सहायता हेतु श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (SPMRM) शुरू किया गया जिसके लिए बिहार को 59.40 करोड़ जारी किया जा चुका है । वित्तीय वर्ष 2006-14 के अंतर्गत 12वीं एवं 13वीं वित्त आयोग हेतु कुल 27,929.57 करोड़ रूपए में से बिहार के लिए 5,342.23 करोड़ जारी किए गए जिसे बढ़ाकर वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2021-22 के अन्तर्गत 13वीं, 14वीं एवं 15वीं वित्त आयोग में 3,04,250.89 करोड़ में से 32739.76 करोड़ कर दिया गया ।

राष्ट्रीय ग्राम सड़क अभियान RGSA योजना के अंतर्गत बिहार को 2007-14 में 16.28 करोड़ से 1,43,490 लोगों को प्रशिक्षित किया गया। जो वित्तीय वर्ष 2014-22 में केन्द्रांश 131.69 करोड़ से 4,51,896 लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है । भूमि संसाधन विभाग-डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्ण किए गये सर्वेक्षण में गॉंवों की राष्ट्रीय स्तर पर 657393 है जिसका औसत लगभग 14प्रतिशत है परन्तु बिहार में कुल गॉंवों की संख्या 47590 में से 47गॉंवों का ही भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण पूर्ण हो सका है जिसका औसत मात्र 0.10 प्रतिश है । प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के वॉटरशेड डेवलपमेंट कॉमनपोनेंट हेतु जहां यूपीए सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2006-07 से 2013-14 के लिए 7599.60 करोड़ इस्तेमाल किया गया था जो एनडीए की सरकार में वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2021-22 के लिए दुगुने से भी ज्यादा बढ़ाकर 19087.27 करोड़ का इस्तेमाल किया जा चुका है ।

बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष व बिहार सरकार से पूर्व पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में नल जल योजना 32,000 करोड़ खर्च हुआ और जानकार बड़ा आश्चर्य होगा । लगभग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस योजना में 50 हजार मिलना था लेकिन नीतीश कुमार की सरकार ने 2016 में जितने भी जनप्रतिनिधि है उनके राशियों में से 19000 करोड़ रूपया खर्च किया और हमलोगों ने ग्रांड के तौर प्रत्येक पंचायत में साढ़े पांच लाख का मुक्तिधाम बनाने का निर्णय लिया था । बिहार सरकार के मंत्री केवल बयानबाजी करने में लगे हैं । प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से प्रदेश मुख्यालय प्रभारी सुरेश रूंगटा, प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा, प्रो. अजफर शमशी, प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश कुमार सिंह उपस्थित थे।