नीतीश कुमार के शराबबंदी पर महागठबंधन के दल को नहीं है विश्वास: श्रवण अग्रवाल

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बिहार के बड़े दलित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी लगातार शराबबंदी को खेल बता रहे हैं।

The Grand Alliance party does not believe in Nitish Kumar's prohibition: Shravan Agarwal

पटना:  दलित सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि बिहार में बेतहाशा अपराधिक घटनाओं तथा निरंतर बिगड़ती कानून व्यवस्था और अराजकता के पीछे की मुख्य वजह शराबबंदी कानून है । राज्य को पूरी तरह से असफल शराबबंदी कानून ने विधि व्यवस्था को गर्त में डाल दिया है।

बिहार में शराब माफिया व जहरीली शराब बनानेवाले की आपसी वर्चस्व तथा शराबबंदी के बाद समांतर अर्थव्यवस्था पर कब्जे की लड़ाई को लेकर निर्दोष लोगों की जाने जा रही है। यहां तक की शराब माफिया लगातार राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमला कर उनकी जान ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में शराबबंदी कानून को आनन-फानन में लागू किया गया। शराबबंदी की योजनाओं को राज्य सरकार के द्वारा सही दिशा नहीं दिया गया जिसके कारण शराबबंदी पूरी तरह से विफल रहा।

अग्रवाल ने कहा कि राज्य में उत्पाद विभाग से प्रतिवर्ष होने वाले हजारों करोड़ के राजस्व का नुकसान बिहार को उठाना पड़ रहा है ‌।हमारे राज्य में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद पड़ोसी राज्य के उत्पाद विभाग में भारी राजस्व का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ बिहार में शराबबंदी की सफलता और शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए राज्य के सरकारी खजाने का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है। राज्य का उत्पाद विभाग व राज्य की पुलिस के साथ साथ अन्य प्रशासनिक तंत्र शराबबंदी को सफल बनाने में  जुटी हुई है,फिर भी दूसरे राज्यों से प्रतिदिन बड़े पैमाने पर शराब की आपूर्ति बिहार में की जा रही है ।

जहरीली शराब बनाने जहरीली शराब पिलाने तथा शराब बेचने वालों पर किसी भी तरह का अंकुश नहीं लग पाया है। नीतीश कुमार जिस जीविका दीदी के सहारे शराबबंदी का ढोल पीट रहे हैं तथा अपने समाधान यात्रा में जीविका दीदी को जुटाकर शराबबंदी के नाम पर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन हकीकत तो यह है आज भी राज्य में बड़े पैमाने पर दलित और महादलित टोले में जहरीली शराब की खुलेआम बिक्री हो रही है। जहरीली शराब से सबसे ज्यादा मौतें और इससे सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार के दलित और महादलित तथा गरीब परिवार के लोग हो रहे हैं।

श्रवण अग्रवाल ने कहा कि बिहार के बड़े दलित नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी लगातार शराबबंदी को खेल बता रहे हैं। वे निरंतर सार्वजनिक मंचों से शराबबंदी को खत्म करने की मांग और अपील नीतीश कुमार जी से कर रहे हैं । श्रवण अग्रवाल ने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी की असफलता और शराबबंदी को खत्म करने को लेकर विपक्ष पर सवाल उठाने के बजाएं सबसे पहले यह अपने महागठबंधन के प्रमुख सहयोगी जीतन राम मांझी को शराबबंदी के फायदे और सफलता के परिणाम को समझाएं ।