गुजरात दंगों की याद दिलाते है मणिपुर के दंगे: राजीव रंजन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

उन्होंने कहा कि मणिपुर दंगों ने भाजपा के डबल इंजन सरकार की पोल भी खोल दी है.

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पटना: जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता राजीव रंजन ने अपने एक बयान में मणिपुर में जारी हिंसा को गुजरात दंगों के समान बताया. उन्होंने कहा कि आज से दो दशक पहले जिस तरह धर्म के नाम पर गुजरात में हिंसा का नंगा नाच हुआ था आज मणिपुर में भी ठीक वही घटनाक्रम दोहराया जा रहा है. गुजरात की तर्ज पर ही आज मणिपुर में भी  निरपराधों की हत्याएं हो रही है, उनके मकानों, दुकानों व धार्मिक स्थलों को आग में स्वाहा किया जा रहा है, स्त्रियों के साथ खुलेआम ज्यादतियां हो रही हैं और लोग अपने-अपने मकानों से खदेड़े जा कर अपने ही मुल्क के अंदर शरणार्थी शिविरों में रहने के लिए बेबस हो रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि गुजरात की ही तरह आज मणिपुर में भाजपा का शासन है और थी उसी तरह सरकार पर दंगाइयों को खुली छूट देने के आरोप लग रहे हैं. गुजरात की तरह ही आज मणिपुर में भी प्रशासनिक अमले पर पक्षपाती व्यवहार के इल्जाम लग रहे हैं. लोगों के साथ हिंसा होने बाद भी उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी जा रही है और मामले को दबाने के प्रयास किये जा रहे हैं.  मीडिया में आने के बाद जिन मामलों में रिपोर्ट लिखी जा रही है उसमें पुलिस द्वारा द्वारा अत्याचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में ढिलाई बरतने की बातें सामने आ रही है. वास्तव में भाजपा का गुजरात मॉडल आज मणिपुर में साक्षात जमीन पर उतर चुका है. 

राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि यह सारे मामले दिखाते हैं कि भाजपा के लिए राष्ट्रवाद और देश की एकता व अखंडता की बातें सिर्फ जनता को भरमाने के हथियार हैं, हकीकत में इन मूल्यों पर इनका कौड़ी भर भी विश्वास नहीं है. अपना वोटबैंक बढ़ाने और सत्ता हासिल करने के लिए यह किसी भी हद को पार कर सकते हैं. 

उन्होंने कहा कि मणिपुर दंगों ने भाजपा के डबल इंजन सरकार की पोल भी खोल दी है. यदि मणिपुर में या केंद्र में भाजपा सरकार नहीं होती तो हालात पर जल्दी काबू पा लिया गया होता. लेकिन अपना जनाधार बढ़ाने के लिए 80 दिन बीत जाने के बाद भी भाजपा हाथ पर हाथ धरे बैठी है.