Chandigarh News: चंडीगढ़ प्रशासन 5 अगस्त तक उबर कैब के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा

राष्ट्रीय, चंडीगढ़

कंपनियां लंबे समय से कह रही हैं कि केवल कैब ड्राइवर ही एंट्री टैक्स देंगे

Chandigarh administration not take action against Uber cabs news in hindi

Chandigarh News: चंडीगढ़ शहर में कैब-टैक्सी सेवाएं प्रदान करने वाली ऐप-आधारित सेवा प्रदाता उबर को एक बड़ी राहत देते हुए, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने 5 अगस्त तक उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। कंपनी की याचिका पर हाई कोर्ट ने यह अंतरिम राहत देते हुए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

शहर में कैब चलाने का लाइसेंस सिर्फ ओला-उबर के पास था, जो 4 नवंबर 2022 को खत्म हो गया। दोनों कंपनियों की चार हजार से ज्यादा कैब शहर में चल रही हैं, जिनमें से ज्यादातर मोहाली और पंचकुला में रजिस्टर्ड हैं। दोनों एग्रीगेटर कंपनियों ने लाइसेंस के लिए आवेदन भी कर दिया है, लेकिन राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) ने करीब छह करोड़ रुपये का प्रवेश कर बकाया होने के कारण लाइसेंस जारी नहीं किया। 

कंपनियां लंबे समय से कह रही हैं कि केवल कैब ड्राइवर ही एंट्री टैक्स देंगे, जबकि कैब ड्राइवरों का कहना है कि एग्रीगेटर कंपनियों का एसटीए के साथ समझौता है, इसलिए कंपनियों को भी एंट्री टैक्स देना चाहिए। इसी बीच कुछ महीने पहले एसटीए ने कई वाहन चालकों के चालान काटे थे, जिसके बाद वाहन चालकों ने एसटीए का घेराव किया था। यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में लंबित है। 

याचिकाकर्ता कंपनी उबर ने अपने लाइसेंस की अवधि समाप्त होने से पहले ही उसके नवीनीकरण के लिए एसटीए में आवेदन किया था, लेकिन प्रवेश कर के बकाया का हवाला देकर उसका नवीनीकरण नहीं किया गया। ऐसे में उबर ने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट की शरण ली है। प्रशासन ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया कि याचिका लंबित होने के बावजूद प्रशासन उबर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

(For more news apart from Chandigarh administration not take action against Uber cabs news in hindi, stay tuned to Rozana Spokesman Hindi)