Punjab and Haryana High Court: नशा तस्करी मामले में कोर्ट ने आरोपी को सुनाई 10 साल की सजा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, चंडीगढ़

जुर्माना नहीं भरने पर 2 महीने और सजा भुगतने को कहा।

Punjab and Haryana High Court: Court sentences accused to 10 years in drug trafficking case

Punjab and Haryana High Court: डेराबस्सी पुलिस ने अंबाला- चंडीगढ़ हाईवे पर जवाहरपुर के पास गश्त के दौरान एक व्यक्ति को 1 किलो हेरोइन के साथ 9 मार्च 2023 को पकड़ा था। इस मामले में अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने दलीलें सुनने के बाद द आरोपी को 10 साल कड़ी सजा और 1 लाख रुपए जुर्माना लगाया। जुर्माना नहीं भरने पर 2 महीने और सजा भुगतने को कहा। 

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस  इलाके में गश्त कर रही थी तभी अंबाला की तरफ से बैग लेकर आरोपी सतीश कुमार आया। पुलिस को देखकर वह पीछे मुड़ गया। इस पर पुलिस ने पीछा करके उसे पकड़ा और तलाशी लेने पर उसके बैग से 1 किलो हेरोइन बरामद हुई। इसके बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि हेरोइन लाने के काम में उसके भतीजे अजय और रवि भी साथ देते हैं। वे पिछले दो साल से चंडीगढ़ और डेराबस्सी के इलाको में हेरोइन बेच रहे हैं। इस पर पुलिस ने उन्हें भी केस में नामजद किया। पीड़ित के वकील ने कहा कि उसके क्लाइंट को फंयासा गया है. उससे कोई हेरोइन बरामद नहीं हुई है. उसे दिल्ली से चंडीगढ़ लौटते हुए पंजाब रोडवेज की बस से गिरफ्तार किया गया है.

वहीं अदालत ने जब दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने की बात कही तो वकील ने कहा कि उनका क्लाइंट पहली बार ऐसे केस में पकड़ा गया है। उसकी दो बेटियां हैं और एक बेटा है। दोनों बेटियों की शादी करनी है इसलिए उसे सजा में रियायत दी जाए। इस पर कोर्ट ने कहा कि तस्करी करने से पहले सोचना चाहिए था कि ऐसा करने से क्या परिणाम होंगे। अगर तस्करों को सजा में रियायत दी जाने लगी तो समाज में इसका गलत असर जाएगा। यह कहते हुए कोर्ट ने 10 साल की कड़ा सजा के आदेश दिए।

पास से गजटिड अफसर बुलाने के बजाय 30 किमी दूर से बुलाकर क्लाइंट को फंसायाः वकील 

कोर्ट में सुनवाई के दौरान पीड़ित के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट की जांच जिस गजटिड अफसर के सामने होनी बताई गई है। वह उस सब-डिवीजन में तैनात नहीं थे। सब-डिवीजन के अफसर को छोड़कर 30 किमी दूर मोहाली से अफसर इसलिए बुलाया गया ताकि उसके क्लाइंट को केस में झूठा फंसाया जा सके। वहीं इस पर सरकारी वकील ने दलील दी कि उस दौरान मौके पर लोकल लेवल पर गजटिड अफसर नहीं थे। इसलिए मोहाली से अफसर बुलाना पड़ा। कोर्ट ने सरकारी वकील की दलील सुनकर बचाव पक्ष की दलील को खारिज कर दिया।

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