राज्यसभा में हमें बोलने नहीं दिया जा रहा, धमकाया जा रहा है: खड़गे

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा में सरकार हमें बोलने नहीं दे रही है।

Kharge (file photo)

New Delhi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है और उन्हें धमकाया जा रहा है।

उच्च सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष खरगे ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं के साथ संसद परिसर में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह भी कहा कि सदन में नियम 267 के तहत अतीत में कई बार चर्चा हो चुकी है। इस संवाददाता सम्मेलन में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता केशव राव भी मौजूद थे।

खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्यसभा में सरकार हमें बोलने नहीं दे रही है। नियम 267 के तहत हम लगातार 11 दिन से मणिपुर का विषय उठा रहे हैं। मणिपुर एक बहुत बड़ी घटना है। हम चाहते थे कि प्रधानमंत्री जी सदन में आएं और अपने विचार रखें। सिर्फ गृह मंत्री का सवाल नहीं हैं। जो सूचनाएं प्रधानमंत्री को मिलती हैं वो सभी सूचनाएं गृह मंत्री को नहीं मिल सकतीं।’’.

उन्होंने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री यहां नहीं आ रहे हैं, वह चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। वह राजस्थान जाते हैं, महाराष्ट्र जाते हैं, लेकिन संसद में नहीं आते हैं।’’.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री सदन में आएं, अपनी बात रखें। हम भी जवाब देंगे। वह चुनावी भाषण कर रहे हैं, लेकिन मणिपुर पर सदन में एक संक्षिप्त बयान नहीं दे रहे हैं।’’.

उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत 60 से अधिक सदस्यों ने नोटिस दिए हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही है। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया, ‘‘ हमको धमकाया जा रहा है। हमसे कहा जा रहा है कि अगर बार-बार उठे तो बड़ी सजा मिलेगी। यह सभापति के मुख से सरकार कहलवा रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘रजनी पाटिल को एक सत्र के लिए निलंबित किया गया और अब इस सत्र में भी उनका निलंबन निरस्त नहीं हुआ। यह तानाशाही नहीं है तो क्या है। यह तो हिटलरशाही है।’’ खड़गे ने कहा, ‘‘हम लड़ेंगे, अन्याय के सामने नहीं झुकेंगे। हम 2024 में भाजपा को हराएंगे।’’

मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर मंगलवार को भी राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित करनी पड़ी। बाद में विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।