दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे बच्चों का इलाज मामला: अदालत ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को किया तलब

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को तलब किया है। 

Treatment of children suffering from rare disease: Court summons Union Health Secretary

New Delhi: एक दुर्लभ स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त 40 बच्चों की अनदेखी नहीं करने का जिक्र करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को तलब किया है। अदालत ने पूर्व में उनके इलाज के लिये पांच करोड़ रुपये जारी करने का निर्देश दिया था लेकिन इसका अनुपालन नहीं होने पर उसने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को तलब किया है। 

बच्चों के उपचार से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रहीं न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा कि ऐसे बच्चों को पहले से दी गई दवाओं की प्रभावशीलता पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी यदि आगे की खुराक जारी नहीं रखी जाती है और अधिकारी को 10 मई को प्रत्यक्ष रूप से अदालत में उपस्थित होने के लिए कहा जाता है। अधिकारी के उपस्थित होने पर ही अदालत इस बात पर विचार करेगी कि अवमानना का नोटिस जारी किया जाना चाहिए या नहीं।

अदालत ने आदेश दिया, “सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सुनवाई की अगली तारीख को प्रत्यक्ष रूप से न्यायालय में उपस्थित रहेंगे। अगली तारीख पर अदालत इस बात पर विचार करेगी कि क्या इन मामलों में अवमानना का नोटिस जारी किया जाना चाहिए। मामले को 10 मई, 2023 के लिये सूचीबद्ध करें।”

अदालत के समक्ष याचिकाकर्ताओं में कई दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित बच्चे हैं, जिनमें ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (डीएमडी) और म्यूकोपॉलीसैकरिडोसिस 2 या एमपीएस-2 (हंटर सिंड्रोम) शामिल हैं। उन्होंने केंद्र से उन्हें निर्बाध और मुफ्त इलाज मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की है क्योंकि इन बीमारियों का इलाज काफी महंगा है।

‘ड्यूकेन मस्कुलर डिस्ट्रॉफी’ (डीएमडी) मांसपेशियों को प्रभावित करने वाली एक आनुवांशिक बीमारी है। इस बीमारी की वजह से मांसपेशियां धीरे-धीरे खत्म होना शुरू हो जाती हैं और लंबे समय तक इस स्थिति के कारण वे पूरी खराब भी हो सकती हैं।

अदालत ने 3 मई को पारित आदेश में कहा कि “बड़ी मात्रा में धन” दुर्लभ बीमारियों के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन बजट खर्च नहीं हुआ और बार-बार न्यायिक आदेशों के बावजूद राशि जारी नहीं की गई।