‘न्यूजक्लिक’ ने प्राथमिकी में खुद पर लगे आरोपों को बताया बेबुनियाद

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को पोर्टल को प्राथमिकी की एक प्रति उपलब्ध कराई।

‘Newsclick’ termed the allegations against itself in the FIR as baseless.

New  Delhi: समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ ने अपने खिलाफ दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में लगाए गए आरोपों को ‘‘बेबुनियाद और फर्जी’’ करार देते हुए खारिज किया है और कहा है कि उसके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही ‘‘भारत में स्वतंत्र प्रेस को कुचलने के एक प्रयास के अलावा और कुछ नहीं है।’’ ‘न्यूजक्लिक’ के खिलाफ आतंकवाद-रोधी कानून यूएपीए के तहत दर्ज एक प्राथमिकी में, दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया है कि भारत की संप्रभुता को क्षति पहुंचाने और बड़ी आपराधिक साजिश के तहत देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से भारी रकम आई।

इसमें दावा किया गया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सक्रिय सदस्य नेविल रॉय सिंघम ने इसके लिए राशि उपलब्ध करायी। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को पोर्टल को प्राथमिकी की एक प्रति उपलब्ध कराई।

शुक्रवार रात ‘एक्स’ पर जारी एक बयान में पोर्टल ने कहा, ‘‘न्यूजक्लिक को चीन या चीनी संस्थाओं से कोई वित्तीय सहायता या निर्देश नहीं मिला है। इसके अलावा, न्यूजक्लिक ने कभी भी किसी भी तरह से हिंसा, अलगाववाद या अवैध कार्य को प्रोत्साहित करने का प्रयास नहीं किया है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘न्यूजक्लिक की कवरेज का अवलोकन हमारे दावों की सत्यता को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए, जो ऑनलाइन उपलब्ध है।’’ इसमें कहा गया कि न्यूजक्लिक को देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और उसे विश्वास है कि उसका रुख सही साबित होगा।

सोमवार को दिल्ली पुलिस ने पोर्टल और उसके पत्रकारों के परिसरों से संबंधित लगभग 88 स्थानों पर छापेमारी के बाद ‘न्यूजक्लिक’ के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया था।

पोर्टल ने बयान में दावा किया, ‘‘प्राथमिकी में लगाए गए आरोप प्रथम दृष्टया बेबुनियाद और फर्जी हैं जो तीन सरकारी एजेंसियों - प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग - द्वारा बार-बार लगाए गए हैं।’’

इसमें कहा गया कि इनमें से किसी भी जांच में पिछले तीन वर्षों में कोई आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है। बयान में पोर्टल ने आरोप लगाया कि पुरकायस्थ को इन जांच में अंतरिम राहत दी गई थी और नवीनतम प्राथमिकी का मकसद यूएपीए के तहत ‘‘अवैध गिरफ्तारी’’ करना है। पोर्टल ने यह भी कहा कि पुरकायस्थ को पटियाला हाउस अदालत के विशेष न्यायाधीश के निर्देशों के बाद बृहस्पतिवार रात दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी की एक प्रति प्रदान की गई।