New Delhi News: एक्सिस बैंक के पुराने नोट स्वीकार करने से इनकार पर सुप्रीम कोर्ट ने किया नोटिस जारी

राष्ट्रीय, दिल्ली

आरबीआई ने कहा कि एक्सिस बैंक को दिसंबर 2016 में बंद हो चुके नोट स्वीकार करने से इनकार करने के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए।

Axis Bank refused to accept demonetised notes, SC issues notice News

New Delhi News in Hindi: केंद्र सरकार के 8 नवंबर, 2016 के 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने के फैसले को वैध ठहराने के डेढ़ साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कंपनी की याचिका पर विचार किया है, जिसने शिकायत की थी कि एक्सिस बैंक ने आरबीआई के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 3.2 करोड़ रुपये के बंद हो चुके नोट स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

कंपनी की ओर से पेश हुए वकील नलिन कोहली ने जस्टिस बी.आर.गवई और जस्टिस के.वी.विश्वनाथन की बेंच के समक्ष दलील दी कि वह कुछ करेंसी नोटों को बंद करने के फैसले को चुनौती नहीं दे रहे हैं, बल्कि बैंक के मनमाने फैसले से पीड़ित हैं, जिसमें नोटबंदी से संबंधित आरबीआई के आदेशों का उल्लंघन करते हुए तथा कंपनी द्वारा केवाईसी अनुपालन के बावजूद 3.2 करोड़ रुपये की जमा स्वीकार नहीं की गई।

आरबीआई ने सीनियर एडवोकेट जयदीप गुप्ता के माध्यम से कहा कि एक्सिस बैंक को दिसंबर 2016 में बंद हो चुके नोट स्वीकार करने से इनकार करने के लिए स्पष्टीकरण देना चाहिए।

8 नवंबर, 2016 की नोटिफिकेशन में 30 दिसंबर, 2016 तक बैंकों में बंद हो चुके मुद्रा नोट जमा करने की अनुमति दी गई थी। 31 दिसंबर, 2016 को जारी एक अन्य नोटिफिकेशन में 30 दिसंबर 2016 के बाद बंद हो चुके नोट रखना अपराध माना जाएगा तथा धारक को दंड का भागी बनाया गया।

कोहली ने कहा कि केवाईसी-अनुपालन करने वाली कंपनी द्वारा उसके समक्ष प्रस्तुत किए गए बंद हो चुके नोट प्राप्त करने के लिए बैंक बाध्य है, इसके अलावा आरबीआई के लिए यह सुनिश्चित करना भी अनिवार्य है कि कंपनी को बंद हो चुके नोटों के बदले में राशि प्राप्त हो, क्योंकि प्रत्येक बंद हो चुके नोट में आरबीआई गवर्नर द्वारा धारक को करेंसी नोट पर उतनि ही राशि का भुगतान करने का लिखित वादा होता है। आरबीआई के वकील ने कहा कि बेंच ने एक्सिस बैंक को नया नोटिस जारी किया और तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। अदालत को बैंक को सुनना होगा और पता लगाना होगा कि उसके पास बंद हो चुके नोटों को स्वीकार न करने का कोई वैध कारण था या नहीं। जस्टिस एस अब्दुल नजीर, गवई, ए एस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और बी वी नागरत्ना की बेंच ने 2 जनवरी, 2023 को चार से एक के बहुमत से 8 नवंबर, 2016 को एक अध्यादेश के माध्यम से किए गए नोट बंद करने के फैसले को वैध ठहराया था।

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