पटरियों पर जलभराव : पिछले कुछ दिनों में 300 से अधिक मेल व एक्सप्रेस, 406 पैसेंजर ट्रेन की गईं रद्द

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब में आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

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New Delhi: पिछले कुछ दिन में भारी बारिश के बाद पटरियों पर जलभराव के कारण सात जुलाई से 15 जुलाई के बीच 300 से अधिक मेल व एक्सप्रेस ट्रेन और 406 पैसेंजर ट्रेन रद्द कर दी गई हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटरियों पर पानी भरने की वजह से 600 से अधिक मेल/एक्सप्रेस ट्रेन, 500 पैसेंजर ट्रेन की सेवाएं प्रभावित हुईं।

उत्तर पश्चिम भारत में शनिवार से तीन दिन तक लगातार बारिश हुई। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई इलाकों में ‘भारी से बेहद भारी’ बारिश दर्ज की गई। इस वजह से नदी-नालों में जलस्तर बढ़ गया और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब में आवश्यक सेवाएं भी प्रभावित हुईं।

अधिकारियों ने बताया इस क्षेत्र में सेवाओं का संचालन करने वाले उत्तर रेलवे ने करीब 300 मेल/एक्सप्रेस ट्रेन को रद्द कर दिया। 100 ट्रेन को बीच रास्ते में रोक दिया गया और 191 अन्य का मार्ग बदला गया। कुल 67 ट्रेन निर्धारित गंतव्य की जगह दूसरे स्थान से शुरू हुईं।

उन्होंने बताया कि भारी जलभराव के कारण उत्तर रेलवे ने भी 406 पैसेंजर ट्रेन रद्द कीं, 28 ट्रेन के मार्ग बदले गए, 54 ट्रेन को बीच रास्ते में रोक दिया गया और 56 ट्रेन निर्धारित गंतव्य की जगह दूसरे स्थान से शुरू हुईं।

उत्तर रेलवे के एक बयान के मुताबिक, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर में लगातार बारिश और खराब मौसम के कारण अंबाला, दिल्ली, फिरोजपुर तथा मुरादाबाद मंडलों पर ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए सभी प्रमुख रेलवे स्टेशन पर ‘हेल्प डेस्क’ की व्यवस्था की गई है।

बयान के अनुसार, ट्रेन रद्द करने, निर्धारित गंतव्य से पहले रद्द करने/मार्ग बदलने /यात्रा शुरू करने के संबंध में स्टेशन पर नियमित रूप से घोषणाएं की जा रही हैं। यात्रियों को टिकट की जानकारी और पैसे वापस करने के लिए उत्तर रेलवे में विभिन्न स्थानों पर अतिरिक्त ‘काउंटर’ खोले गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि जलभराव संबंधी जानकारी देने के लिए रेलवे कर्मचारियों को तैनात किया गया है और स्थिति की नियमित निगरानी की जा रही है.