विवेकानंद रेड्डी हत्याकांड: अविनाश रेड्डी की अग्रिम जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी इस मामले में सीबीआई जांच के दायरे में हैं।

notice issued on petition filed against anticipatory bail of Avinash Reddy

New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने पूर्व सांसद वाई एस विवेकानंद रेड्डी की हत्या के मामले में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद वाई एस अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत देने के तेलंगाना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सांसद और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से सोमवार को जवाब मांगा। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ विवेकानंद रेड्डी की बेटी ने याचिका दायर की है।

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने मामले को तीन जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 31 मई को अविनाश रेड्डी को अग्रिम जमानत दे दी थी और जांच पूरी होने तक उन्हें सीबीआई की पूर्व अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेगा और जून, 2023 के अंत तक प्रत्येक शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक सीबीआई के सामने पेश होगा। इसके अलावा वह जांच के लिए आवश्यक होने पर नियमित रूप से पेश होगा।’’ उच्च न्यायालय के आदेश में कहा गया था कि याचिकाकर्ता को पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत पर रिहा किया जाए।

आंध्र प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के भाइयों में से एक विवेकानंद रेड्डी की राज्य में विधानसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले 15 मार्च, 2019 की रात को कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला स्थित उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के चचेरे भाई अविनाश रेड्डी इस मामले में सीबीआई जांच के दायरे में हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी इस साल अविनाश रेड्डी से मामले में कई बार पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई ने अविनाश रेड्डी के पिता वाई एस भास्कर रेड्डी को विवेकानंद रेड्डी की हत्या के सिलसिले में 16 अप्रैल को गिरफ्तार किया था।

इस मामले की जांच शुरू में राज्य अपराध जांच विभाग (सीआईडी) के विशेष जांच दल ने की और जुलाई 2020 में यह जांच सीबीआई ने अपने हाथों में ले ली। सीबीआई ने 26 अक्टूबर 2021 को एक आरोप पत्र और फिर 31 जनवरी 2022 को एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया।