मणिपुर पर चर्चा को तैयार है सरकार, भाग रहा है विपक्ष: भाजपा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

राज्यसभा में सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराने को तैयार हो गई लेकिन विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा रहा।

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New Delhi: मणिपुर की जातीय हिंसा के मुद्दे पर संसद के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा को तैयार है लेकिन नियमों की आड़ लेकर विपक्ष चर्चा से भाग रहा है।

संसद भवन परिसर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा,‘‘आज सदन की कार्यवाही और कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष का रवैया देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आए हैं कि सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।’’

पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में हुई हिंसा और कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ व राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं का जिक्र करते गोयल ने दावा किया कि शायद इसी परेशानी की वजह से विपक्षी दल चर्चा से भाग रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह मणिपुर की घटनाओं पर सदन में चर्चा के लिए तैयार है, इसके बावजूद कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल सदन नहीं चलने दे रहे हैं। मणिपुर पर हम भी बहुत संवेदनशीलता से चर्चा कराना चाहते हैं। सरकार तैयार है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल अपने खोट छुपाने के लिए चर्चा से भाग रहे हैं।’’

इससे पहले मणिपुर में करीब दो महीने से जारी जातीय हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान देने और उसके बाद चर्चा कराने की मांग को लेकर बृहस्पतिवार को मानसून सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।

राज्यसभा में सरकार नियम 176 के तहत चर्चा कराने को तैयार हो गई लेकिन विपक्ष नियम 267 के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़ा रहा।

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी विपक्ष पर निशाना साधा और कहा, ‘‘विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा का नोटिस दिया था।’’

जोशी ने कहा, ‘‘उन्होंने सोचा था कि हम सहमत नहीं होंगे। हम चर्चा के लिए सहमत हुए। फिर, उन्हें कार्यवाही को बाधित करने का एक और बहाना मिल गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह उनका रवैया है।’’ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने संसद भवन परिसर में संवाददताओं से कहा कि सरकार मणिपुर की स्थिति पर सदन में चर्चा कराने को तैयार है लेकिन राजस्थान जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध की ऐसी ही घटनाओं पर भी चर्चा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य से, विपक्षी दल मणिपुर की घटना को राजनीतिक चश्मे से देख रहे हैं और इसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं। हमने कहा है कि हम इस पर चर्चा कराने को तैयार हैं लेकिन विपक्ष चर्चा कराने से भाग रहा है।’’

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध की कथित घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस पर भी बोलना चाहिए। 

ठाकुर ने कहा, ‘‘ क्या सोनिया गांधी और विपक्ष दूसरे राज्यों में ऐसी ही घटनाओं पर मूकदर्शक बने रहेंगे और केवल एक राज्य (मणिपुर) के लिए ही आंसू बहाएंगे? जब महिलाओं के खिलाफ अपराध की बात आती है तब आप दो राज्यों में भेद कैसे कर सकते हैं? आप (विपक्ष) महिलाओं को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।’’

भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस का एक रवैया बन गया है और वह ये है कि हर सत्र से पहले किसी मुद्दे को उठाना और जब बहस हो तो बहस नहीं होने देना, उससे भागना और फिर आरोप लगाना कि नरेन्द्र मोदी सरकार बहस नहीं करना चाहती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ये बहुत पीड़ा की बात है कि आज जब राज्यसभा में पीयूष गोयल ने और लोकसभा में प्रह्लाद जोशी ने साफ-साफ कहा था कि हम मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार हैं, तो कांग्रेस और विपक्ष किस नियम के तहत चर्चा हो, इस पर बहस कर रहे हैं। विपक्ष के लिए ​मणिपुर की घटना जरूरी नहीं है, नियम जरूरी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मणिुपर में जो हुआ वो शर्मनाक है, दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अब स्थिति सामान्य है और मुख्यमंत्री (एन बिरेन सिंह) ने बताया कि एक आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है।’’ गौरतलब है कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने की घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। चार मई के इस वीडियो में दिख रहा है कि कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं और उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं।

मणिपुर में करीब दो माह से जातीय हिंसा हो रही है। इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने पहली बार, आज सार्वजनिक टिप्पणी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने मानसून सत्र की शुरुआत से पहले संसद भवन परिसर में मीडिया को संबोधित करते हुए मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना पर क्षोभ प्रकट किया और कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है।. उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।