Money Laundering Case: अदालत ने राघव बहल, पत्नी रितु कपूर को विदेश यात्रा की दी अनुमति

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

अदालत ने आदेश दिया, ‘‘हम वर्तमान आवेदनों को अनुमति देना उचित समझते हैं। एलओसी निलंबित है...

Raghav Behl(FILE PHOTO)

New Delhi: दिल्ली हाईकोर्ट  ने मंगलवार को धन शोधन के एक मामले में मीडिया दिग्गज राघव बहल और उनकी पत्नी रितु कपूर के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया और उन्हें अगले महीने विदेश यात्रा पर जाने की अनुमति दे दी। अदालत को सूचित किया गया कि दंपति को व्यावसायिक बैठकों के लिए 2-16 सितंबर तक लंदन और न्यूयॉर्क की यात्रा करनी है।

विदेश यात्रा की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति अमित बंसल ने कहा कि आवेदकों ने पहले भी विदेश यात्रा की थी और उन्होंने कभी भी उस स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया।

अदालत ने आदेश दिया, ‘‘हम वर्तमान आवेदनों को अनुमति देना उचित समझते हैं। एलओसी निलंबित है... हम आवेदकों को लंदन और न्यूयॉर्क की यात्रा करने की अनुमति देते हैं, बशर्ते कि वे 17 सितंबर या उससे पहले भारत लौट आएंगे और अपना यात्रा कार्यक्रम भी दाखिल करेंगे।’’ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेश यात्रा की अनुमति के आवेदनों का विरोध किया और कहा कि मामले में काला धन अधिनियम के तहत ‘गंभीर आरोप’ हैं और आवेदकों के पास विदेश में संपत्ति है।

23 जनवरी को, उच्च न्यायालय ने बहल के खिलाफ दर्ज ईडी के धन शोधन मामले को यह कहते हुए रद्द करने से इंकार किया था कि उनकी याचिका ‘समय से पहले’ उठाया गया कदम है।

इसने उनके खिलाफ जारी एलओसी में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया था, लेकिन स्पष्ट किया था कि विदेश यात्रा करने की अनुमति मांगने वाली उनकी याचिका पर अदालत तब फैसला करेगी जब उसे दाखिल किया जाएगा क्योंकि वास्तविक परिस्थितियों में विदेश यात्रा करने की स्वतंत्रता को कमतर नहीं किया जा सकता । ईडी जांच के खिलाफ रितु कपूर की याचिका अभी भी अदालत में लंबित है।

ईडी का मामला आयकर विभाग की एक शिकायत से उत्पन्न हुआ है और लंदन में एक कथित अघोषित संपत्ति खरीदने के लिए धन के कथित शोधन से संबंधित है।

बहल ने इस आधार पर ईसीआईआर (प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट) और एलओसी को रद्द करने की मांग की थी कि मामले में अपराध या अवैध धन की कोई आय नहीं थी और कर चोरी का कोई आरोप भी नहीं हो सकता है।. ईडी ने याचिका का विरोध किया था और कहा था कि काला धन अधिनियम के उल्लंघन और कर चोरी के प्रयास के आरोप थे।

आयकर विभाग ने पहले याचिकाकर्ता के खिलाफ 2018-2019 के लिए दाखिल रिटर्न में कथित अनियमितताओं के लिए काला धन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) और कर अधिरोपण अधिनियम 2015 के तहत कार्यवाही शुरू की थी।

अपनी याचिका में, बहल ने दावा किया था कि चूंकि उन्होंने ‘कोई गलत काम नहीं किया है’, अत: धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत ‘तथ्य या कानून में किसी मौजूदा आधार के बिना’ जांच की प्रक्रिया जारी रखने का उनके जीवन, व्यवसाय और प्रतिष्ठा पर ‘हानिकारक प्रभाव’ पड़ता है। ।