श्रद्धा हत्याकांड: फोरेंसिक विशेषज्ञों ने किया खुलासा बड़े आरी-दांत वाले चाकू से किए गए श्रद्धा के टुकड़े

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

आफताब (28) पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस अभी तक हथियार बरामद नहीं कर...

Shraddha murder case: Forensic experts revealed Shraddha's pieces were cut with a large serrated knife

 New Delhi ; फोरेंसिक विशेषज्ञों और वकीलों को संदेह है कि आफताब आमीन पूनावाला ने अपराध को अंजाम देने के लिए बड़े आरी-दांत वाले चाकू का इस्तेमाल किया था। ये फोरेंसिक विशेषज्ञ और वकील कई ऐसे मामलों को देख चुके हैं, जिनमें अपराध को अंजाम देने के बाद शव के कई टुकड़े कर दिए गए।

आफताब (28) पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस अभी तक हथियार बरामद नहीं कर पाई है। हालांकि सोशल मीडिया पर प्रसारित कुछ खबरों में अपराध में एक बड़े चाकू या आरी के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है।

पुलिस ने मामले में आफताब को गिरफ्तार किया है और ऐसा कहा जा रहा है कि उसने अपराध स्वीकार कर लिया है। हालांकि, उसके वकील ने इस दावे को खारिज किया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि पहले सामने आए ऐसे मामलों में इस्तेमाल किए गए हथियार या तो बिजली के कटर या 18 से 20 इंच के आरी-दांत वाले चाकू थे। 

आपराधिक मामलों के वकील आर. वी. किनी ने 2008 में फिल्म निर्माता नीरज ग्रोवर हत्याकांड में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने मामले के दोषियों मारिया मोनिका सुसैराज और एमिल जेरोम जोसेफ का जिक्र करते हुए कहा कि नीरज के शव के 30 से अधिक टुकड़े किए गए थे। इन टुकड़ों को एक बैग में डालकर उसे मुंबई के बाहरी इलाके में जलाने की कोशिश की गई।

किनी ने कहा, ‘‘ उन्होंने दो हथियारों का इस्तेमाल किया था। एक तेज धार वाले चाकू और आरी जैसे दांतों वाले चाकू का...जो हैंडल समेत करीब 18 इंच लंबा था। शव को इतने हिस्सों में काटा गया था कि उसके कुल कितने टुकड़े किए गए यह बताना आसान नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि वे 30 से अधिक थे।’’

किनी ने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि श्रद्धा वालकर हत्याकांड में भी इसी तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया।’’

ऐसा ही एक अन्य मामला 2010 का है, जिसमें देहरादून में राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी और कथित तौर पर लोहे के कटर, लकड़ी काटने के उपकरण और पत्थर काटने के उपकरण से उसके शव के 70 से अधिक टुकड़े किए थे। पुलिस को लोहे के कटर का इस्तेमाल करने के निर्देश संबंधी एक पुस्तिका भी बरामद हुई थी।

उत्तराखंड सरकार के उप महाधिवक्ता जे.एस. विर्क ने बताया कि गुलाटी ने अपनी पत्नी की हत्या के बाद उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके शव के कई टुकड़े किए और इसके लिए कई हथियारों का इस्तेमाल किया।

विर्क ने कहा, ‘‘ खबरों के अनुसार शव के 70 से अधिक टुकड़े किए गए, लेकिन ये गलत है। मुझे कुल मिलाकर इतना याद है कि उसने शव के कई टुकड़े किए करीब 30 या 40 और उसे एक ‘डीप फ्रीजर’ में रख दिया। ’’

गुलाटी और आफताब दोनों  का अपराध को अंजाम देने का तरीका एक समान ;

उन्होंने कहा, ‘‘ गुलाटी और आफताब ने जिस तरह अपराध को अंजाम दिया उसमें काफी समानता है। दोनों ने शव के कटे हुए टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर फेंक कर ठिकाने लगाने की कोशिश की।’’

सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ फोरेंसिक विशेषज्ञ ने नाम उजागर न करने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने कई ऐसे मामलों में शवों के टुकड़ों का पोस्टमार्टम किया है। मानव शरीर की शारीरिक रचना को देखते हुए जोड़ों से एक शरीर को आसानी से 12 से 13 टुकड़ों में काटा जा सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ शव के 13 से अधिक टुकड़े करने के लिए किसी को भी बिजली से चलने वाली आरी या कटर की जरूरत होगी। ऐसे हथियारों से शव को कुछ मिनट में ही कई टुकड़ों में काटा जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ बिजली के कटर काफी आवाज करते हैं इसलिए अपराधी अक्सर हाथ से चलने वाली आरी का इस्तेमाल करते हैं जिसमें काफी समय लगता है। ऐसे कई मामले भी हैं जहां पहले धारदार चाकू से त्वचा को हटाया जाता है और फिर हड्डियों को आरी-दांत वाले चाकू से काटा जाता है।’’

उन्होंने बताया कि आरी त्वचा पर आसानी से नहीं चल सकती लेकिन एक बार त्वचा निकल जाने के बाद हड्डी को काटना आसान हो जाता है।

गौरतलब है कि आफताब और श्रद्धा की मुलाकात एक डेटिंग एप के जरिए हुई थी। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए। अलग-अलग धर्म से नाता रखने के कारण उनके माता-पिता को उनके रिश्ते से ऐतराज़ था इसीलिए ही वे दिल्ली आ गए थे।

दोनों के बीच कथित तौर पर 18 मई को शादी को लेकर बहस हुई, जिसके बढ़ने पर पूनावाला ने श्रद्धा की हत्या कर दी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए।

आफताब ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली में अपने घर पर करीब तीन सप्ताह तक इन टुकड़ों को 300 लीटर के फ्रिज में रखा। वह कई दिन तक आधी रात को उन्हें शहर भर में फेंकने के लिए जाता था।