दिल्ली के कई हिस्सों में भारी बारिश, जलभराव से लगा जाम

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

आईएमडी ने बुधवार के लिए दिन में मध्यम बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, ...

सांकेतिक फोटो

New Delhi: दिल्ली के कई हिस्सों में बुधवार सुबह मध्यम से भारी बारिश के कारण लोगों को जलभराव और जाम की समस्या का सामना करना पड़ा। बारिश के चलते न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम 23.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 33 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।

पिछले कुछ दिनों में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया था। उच्च आर्द्रता और सामान्य से अधिक तापमान से शहरवासी परेशान थे।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार के लिए दिन में मध्यम बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जबकि बृहस्पतिवार के लिए ‘यलो अलर्ट’ जारी किया है।

आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली की प्रमुख वेधशाला सफदरजंग में बुधवार सुबह आठ बजकर 30 मिनट तक 24 घंटे की अवधि में 37.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसी तरह लोधी रोड में 35.1, आयानगर में 26, मुंगेशपुर 53.5 और मयूर विहार के मौसम केंद्र पर 110.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।

15 मिलीमीटर से नीचे ‘हल्की’, 15 से 64.5 मिलीमीटर के बीच ‘मध्यम’, 64.5 से 115.5 मिलीमीटर के बीच ‘भारी’, 115.6 से 204.4 मिलीमीटर के बीच ‘बहुत भारी’ और 204.4 मिलीमीटर से ऊपर बारिश को ‘अत्यंत भारी’ माना जाता है।

शहर में जुलाई में अब तक सामान्य 173.7 के मुकाबले 368.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। पूरे महीने में औसतन 195.8 मिलीमीटर बारिश होती है। 

दिल्ली में पिछले चार महीनों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। मार्च में सामान्य 17.4 मिलीमीटर के मुकाबले 53.2 मिलीमीटर, अप्रैल में 16.3 मिलीमीटर के औसत के मुकाबले 20.1 मिलीमीटर, मई में सामान्य 30.7 मिलीमीटर के मुकाबले 111 मिलीमीटर और जून में सामान्य 74.1 मिलीमीटर के मुकाबले 101.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। 

पश्चिमी विक्षोभ, मानसूनी हवाओं और उत्तर पश्चिम भारत पर चक्रवाती परिसंचरण की परस्पर क्रिया के कारण 1982 के बाद से आठ और नौ जुलाई को जुलाई में एक दिन में सबसे अधिक वर्षा (153 मिलीमीटर) हुई। अगले 24 घंटों में शहर में 107 मिलीमीटर अतिरिक्त वर्षा हुई।

आठ जुलाई को सुबह साढ़े आठ बजे से अगले 36 घंटों में दिल्ली में अभूतपूर्व 260 मिलीमीटर वर्षा हुई, जिससे सरकार को बाढ़ की चेतावनी जारी करनी पड़ी और स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा।