शुरु हुआ हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र, इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की विपक्ष की तैयारी

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, हरियाणा

सत्र 29 अगस्त तक चलेगा।

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चंडीगढ़:  आज सुबह 11 बजे से हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र कार्यवाही शुरू हो गई है। मानसून सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दल हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा और बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने समेत विभिन्न मुद्दों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। सत्र 29 अगस्त तक चलेगा। भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार शाम यहां कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सदन में नूंह हिंसा, बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए मुआवजा, बेरोजगारी और कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दे उठाएगी। बैठक में पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया भी शामिल हुए। सूत्रों ने बताया कि सत्र से पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) और खट्टर सरकार का समर्थन करने वाले निर्दलीय विधायकों ने भी सत्र की रणनीति तैयार करने के लिए एक बैठक की।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में यहां विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर, उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला, भूपेन्द्र हुड्डा, संसदीय कार्य मंत्री कंवर पाल और विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा भी शामिल हुए।
 समिति ने निर्णय लिया कि विधानसभा का मानसून सत्र 25 से 29 अगस्त तक आयोजित किया जाएगा। शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा। सदन की बैठक शुक्रवार को होगी और कार्यवाही दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के साथ शुरू होगी, जिसके बाद प्रश्नकाल और विधायी कामकाज होंगे।

हुड्डा ने पत्रकारों से कहा कि हालांकि कार्य मंत्रणा समिति ने मानसून सत्र की अवधि तय की है, लेकिन उन्होंने समिति को सूचित किया है कि इतना छोटा सत्र पर्याप्त नहीं है।

उन्होंने कहा, “इसे बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि कई मुद्दे उठाए जाने हैं। हम सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग सदन में भी करेंगे।” हुड्डा ने आरोप लगाया है कि हरियाणा सरकार नूंह में हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने से भाग रही है। उन्होंने हाल में कहा था कि उनकी पार्टी विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान बाढ़ और सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दों पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव पेश करेगी।

हुड्डा ने कहा था, “इसके अलावा बेरोजगारी, सीईटी परीक्षा का मुद्दा, दलितों पर बढ़ते अत्याचार, बाढ़ मुआवजे का मुद्दा, परिवार पहचान पत्र के साथ-साथ संपत्ति पहचान पत्र में लोगों को होने वाली समस्याएं व किसानों के मुद्दे उठाए जाएंगे।” हरियाणा के मंत्री कंवर पाल ने कहा था कि सरकार ने पहले भी विपक्ष की हर बात का जवाब दिया है और इस बार भी देगी।

शिक्षा एवं संसदीय कार्य मंत्री पाल ने कहा था, "इस बार भी, चाहे मेवात हो, बाढ़ हो या कोई अन्य मुद्दा, हम अपना जवाब देंगे। हम अन्य सभी मुद्दों पर जवाब देने के लिए तैयार हैं।" उल्लेखनीय है कि 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की ब्रजमंडल यात्रा पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद नूंह में झड़पें हुई थीं, जिनमें दो होम गार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। हिंसा की आग गुरुग्राम सहित आसपास के इलाकों में फैल गई थी। इंडियन नेशनल लोकदल के नेता और पार्टी के एकमात्र विधायक अभय सिंह चौटाला ने भी कहा कि उनकी पार्टी मानसून सत्र में जनहित के कई मुद्दे उठाएगी। पार्टी की योजना बुजुर्गों के लिए पेंशन, संपत्ति पहचान पत्र से संबंधित समस्याओं, नूंह घटना, बाढ़ और बेरोजगारी से संबंधित मामलों को उठाने की है।