नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिलास्तरीय बैठक आयोजित

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, झारखंड

उपायुक्त ने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है।

District level meeting organized for effective implementation of Planning Act 2021 and Rules 2022

गोड्डा : समाहरणालय स्थित सभागार में  गोड्डा विधायक अमित मंडल, महागामा विधायक दीपिका पांडे सिंह, उपायुक्त जिशान कमर, पोड़ैयाहाट विधायक प्रतिनिधि विकास सिंह सहित अन्य पदाधिकारीगण की  उपस्थिति में झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र के स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं नियमावली 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिलास्तरीय बैठक आयोजित की गई।

 बैठक में उपस्थित विधायकों एवं  विधायक प्रतिनिधि के द्वारा निजी क्षेत्रों में होने वाले उम्मीदवारों की नियोजन नीति पर विचार विमर्श करते हुए अपना अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया गया।

  बैठक में झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 एवं  नियमावली 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर गठित जांच समिति की बैठक आयोजित कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए और नियमावली से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही साथ  नियमावली के क्रियान्वयन एवं प्रगति पर भी चर्चा की गई।

उपायुक्त ने कहा कि इस अधिनियम के अंतर्गत नियोजक की परिभाषा में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों को नियोजनालय में निबंधित होना अनिवार्य है।  अधिनियम सह नियम के लागू होने के बाद राज्य अंतर्गत प्रत्येक नियोक्ता (अधिनियम में परिभाषित) द्वारा रू. 40,000/- (चालीस हजार रुपये) से अनधिक या सरकार द्वारा समय-समय पर यथा अधिसूचित अधिसीमा तक सफल मासिक वेतन या मजदूरी वाले ऐसे पदों जो अधिसूचित होने की तिथि को रिक्त हो एवं उसके उपरान्त उत्पन्न कुल रिक्ति का 75 प्रतिशत पदों पर स्थानीय उम्मीदवारों को नियोजित किया जाना अनिवार्य होगा।

 जिला नियोजन पदाधिकारी पदमा कुमारी के द्वारा अधिनियम से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डाला गया।

 बताया गया कि सम्पूर्ण झारखण्ड राज्य में 10 या 10 से अधिक व्यक्तियों का नियोजन करने वाला कोई व्यक्ति अथवा ऐसी संस्था जिसे सरकार द्वारा समय समय पर अधिसूचित की जाए, पर लागू होगी। इसमें केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के उपक्रम शामिल नहीं होगें, किन्तु केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के प्रतिष्ठानों/ उपक्रमों में बाह्यश्रोत से सेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू होगें।

 प्रत्येक नियोक्ता द्वारा स्वयं का अभिहित पोर्टल (उद्देश्य के क्रियान्वयन हेतु झारखण्ड रोजगार पोर्टल) पर निबंधन स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन नियम 2022 की अधिसूचना के 30 दिनों के अंदर करना होगा एवं 40,000/- (चालीस हजार रूपए) तक कुल वेतन, पारिश्रमिक या मेहनताना पाने वाले प्रत्येक कर्मचारी का भी तीन महीने के अंदर पोर्टल पर निबंधन अनिवार्य रूप से करना होगा। इसके साथ ही स्थानीय उम्मीदवारों को भी इस अधिनियम / नियम के अधीन लाभों के उपभोग हेतु स्वयं को अभिहित पोर्टल पर पंजीकृत करना अनिवार्य होगा।

उपरोक्त अधिनियम / नियम के तहत प्रत्येक नयी परियोजना प्रारंभ करने वाले नए नियोक्ता परियोजना के प्रारंभ होने के 30 दिन पूर्व प्राधिकृत अधिकारी (इस अधिनियम / नियम के क्रियान्वयन के उद्देश्य के निमित घोषित सम्बंधित जिला के जिला नियोजन पदाधिकारी / नियोजन पदाधिकारी) को उक्त अधिनियम के अधीन आने वाले कर्मचारियों की संख्या को आवश्यक कौशल के साथ स्पष्टतः इंगित करते हुए आवश्यक कर्मचारियों की संख्या की जरूरत सम्बंधी विवरण को प्रस्तुत करना होगा।

विद्यमान नियोक्ता के संदर्भ में अधिनियम / नियम के अनुसार यदि प्रतिष्ठान में मानव बल की कमी हो तो न्यूनतम 75% स्थानीय नियोजन के मानदण्ड को पूरा करने हेतु नियोजक द्वारा एक कार्ययोजना प्राधिकृत अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। यह कार्ययोजना इन नियमों के प्रारंभ की तिथि से तीन वर्षों से अधिक की समय सीमा के साथ होगी।

अधिनियम की सुसंगत धारा से छूट का दावा करने के लिए नियोक्ता को निर्धारित रीति एवं प्रपत्र द्वारा यह प्रमाणित करना होगा कि नियोक्ता द्वारा वांछित कौशल ज्ञान एवं निपुणता के योग्य स्थानीय उम्मीदवार प्राप्त करने हेतु सभी तरह के उपाय कर लिए गए है एवं स्थानीय उम्मीदवारों की पर्याप्त संख्या उपलब्ध नहीं है। इस हेतु अभिहित पदाधिकारी (सम्बंधित जिले के उपायुक्त) की अध्यक्षता में जिला स्तर पर एक जांच समिति गठित होगी।

अधिनियम / नियम के तहत रिक्तियों एवं नियोजन के बारे त्रैमासिक प्रतिवेदन प्रत्येक नियोक्ता द्वारा प्रस्तुत की जाने की व्यवस्था निर्धारित की गई है।

 अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अधीन अभिहित अधिकारी या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश से असंतुष्ट कोई नियोक्ता निर्धारित रीति एवं प्रपत्र में साठ दिनों के अंदर अपीलीय प्राधिकार (निदेशक, नियोजन एवं प्रशिक्षण, झारखण्ड, सरकार) के यहाँ अपील कर सकता है तथा अपीलीय प्राधिकार द्वारा अपीलकर्त्ता को सुनवाई का अवसर दिए जाने के बाद साठ दिन के भीतर अपील का निपटारा किया जाएगा।

 इस अधिनियम में अभिव्यक्त रूप से अन्यथा उपबंधित के सिवाय, यदि नियोक्ता द्वारा इस अधिनियम या इसके अधीन बनाए गए नियमों के उपबंधों या अधिनियम के अधीन लिखित में दिए गए किसी आदेश का उल्लघन किया जाता है तो ऐसी स्थिति में धारानुसार शास्ति (दण्ड) का भी प्रावधान किया गया है।

अधिनियम / नियम के अनुपालन के अनुश्रवण के लिए प्रधान सचिव, श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग झारखण्ड सरकार की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय समिति  का भी प्रावधान है।

मौके जिला नियोजन पदाधिकारी  पदमा कुमारी, नियोजन पदाधिकारी ललमटिया पंकज कुमार झा,जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, संबंधित अंचलों के अंचलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारीगण मौजूद थे।