CM सोरेन ने जरूरतमंदों के लिए 15,000 करोड़ रुपये की ‘अबुआ आवास योजना’ की घोषणा की

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, झारखंड

उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों के फायदे के लिए करीब 38,000 पदों पर नियुक्तियां की जा रही है।

फोटो साभार-PTI

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अगले दो साल में जरूरतमंदों के लिए मकान बनाने के वास्ते 15,000 करोड़ रुपये की ‘अबुआ आवास योजना’ की मंगलवार को घोषणा की।

रांची के मोराबादी मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराते हुए सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार मजबूत राज्य के निर्माण का लगातार प्रयास कर रही है और वादों को पूरा करने की हरसंभव कोशिश कर रही है।

सोरेन ने कहा, ‘‘मैंने राज्य में सभी को तीन कमरों का मकान देने का वादा किया था। अपने वादे को पूरा करते हुए, मैं मंच से एक नयी योजना ‘अबुआ आवास योजना’ की घोषणा करता हूं। आने वाले दो वर्षों में सरकार अपनी निधि से 15,000 करोड़ रुपये की लागत से जरूरतमंदों को मकान देगी।’’

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने मजबूत झारखंड के निर्माण का संकल्प लिया है और पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू करने, पुलिसकर्मियों को अवकाश लाभ देने, छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजने और योजनाओं को घर-घर तक ले जाने जैसे कुछ कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों के फायदे के लिए करीब 38,000 पदों पर नियुक्तियां की जा रही है। सोरेन ने कहा, ‘‘युवाओं के कौशल विकास के लिए राज्य के 80 मंडलों में मुख्यमंत्री सारथी योजना शुरू की गयी है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के प्रावधानों में छूट दी गयी है। सरकार अपने कर्मचारियों की समयबद्ध तरीके से पदोन्नति भी कर रही है।’’

उन्होंने बताया कि 35 लाख लाभार्थियों को विभिन्न मदों में पेंशन दी जा रही है और जुलाई 2023 तक पेंशन देने पर 1,400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में 33 लाख छात्रों को पूर्व मैट्रिक छात्रवृत्तियां दी गयी है जिस पर 724 करोड़ रुपये खर्च किए गए जबकि 2.50 लाख छात्रों को मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्तियां दी गयी है जिस पर 315 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

सोरेन ने छात्रों के लिए उज्ज्वल भविष्य का वादा करते हुए कहा कि सरकार उनके लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस बहुमंजिला छात्रावास बना रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की किसानों के लाभ के लिए कुल 88 योजनाएं हैं। केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा कि राज्य को सूखे से निपटने के लिए केंद्र से आवश्यक सहायता नहीं मिली और उनकी सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है।