Jharkhand Politics News: सीता सोरेन ने झामुमो को दिया झटका, लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल

राष्ट्रीय, झारखंड

सीता ने कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी ने उन्हें तथा उनके परिवार को पर्याप्त सहयोग नहीं दिया।

Hemant Soren's sister-in-law Sita Soren joins BJP News In Hindi

Hemant Soren's sister-in-law Sita Soren joins BJP News In Hindi: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी और जामा से झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की विधायक सीता सोरेन ने पार्टी को झटका देते हुए लोकसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गईं हैं। बता दें कि इससे पहले उन्होंने जेएमएम विधायक सीता सोरेन ने पार्टी और विधायकी दोनों से इस्तीफा दे दिया .

उन्होंने नई दिल्ली में भाजपा महासचिव विनोद तावड़े और झारखंड के चुनाव प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेई की मौजूदगी में बीजेपी पार्टी की सदस्यता ली। पार्टी सुप्रीमो और अपने ससुर शिबू सोरेन को लिखे इस्तीफे में सीता ने कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद पार्टी ने उन्हें तथा उनके परिवार को पर्याप्त सहयोग नहीं दिया।

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उन्होंने कहा कि वह झामुमो में उपेक्षित महसूस कर रही थीं और उन्होंने भारी मन से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का फैसला किया है। इससे पहले सोरेन परिवार में उस समय दरार सामने आई थी जब सीता ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के दौरान उनकी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बनाये जाने के किसी भी कदम का खुलकर विरोध किया था।

उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘मेरे दिवंगत पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद से मैं और मेरा परिवार लगातार उपेक्षा का शिकार हुआ है। मेरे पति झारखंड आंदोलन के अगुवा थे और महान क्रांतिकारी थे। पार्टी और परिवार के सदस्यों ने हमारी उपेक्षा की जो बहुत पीड़ादायक रहा।’’

सीता ने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद थी कि समय के साथ हालात सुधरेंगे, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ।’’ उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘हम सब को साथ रखने के लिए मेहनत करने वाले श्री शिबू सोरेन के अथक प्रयास दुर्भाग्य से विफल रहे। मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ रची जा रही साजिश का मुझे पता चल गया है। मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।’’

विधायक के कार्यालय के अनुसार उन्होंने झारखंड विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।  इस बीच झामुमो की राज्यसभा सदस्य महुआ माझी ने सीता सोरेन के इस्तीफे को ‘स्तब्ध’ करने वाला फैसला बताया और उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। माझी ने कहा कि आंतरिक विवादों का समाधान सोरेन परिवार के अंदर ही कर लिया जाना चाहिए। 

सीता सोरेन के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को मजबूती मिल सकती है जो झामुमो का आधार रहे अनुसूचित जाति समुदाय को साधना चाहती है। भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सीता रावण की लंका से आजाद हो गई हैं।’’.

उनका इस्तीफा उच्चतम न्यायालय द्वारा 1998 के उस फैसले को पलटने के एक पखवाड़े बाद आया है - जिस मामले में शिबू सोरेन आरोपी थे और जिसमें कहा गया कि जो सांसद और विधायक वोट देने या सदन में एक निश्चित तरीके से बोलने के लिए रिश्वत लेते हैं, उन्हें अभियोजन से छूट नहीं है। अदालत के 1998 के झामुमो रिश्वत मामले में दिए गए फैसले से पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन को राहत मिली थी। हालांकि उनकी विधायक पुत्रवधू सीता सोरेन की ही याचिका के बाद न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने चार मार्च को इस फैसले को पलट दिया था।

पिछले दिनों धनशोधन के एक मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सीता सोरेन ने उनकी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने के कदम का विरोध किया था।

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