आदिवासी छात्रावास का बदलेगा आयाम, लड़के -लड़कियों के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी हॉस्टल बनेगा : CM सोरेन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, झारखंड

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छात्रावासों को सुसज्जित और  जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है ।

The Chief Minister said - the dimensions of the tribal hostel will change

रांची  (राजेश चौधरी): रांची के साथ साथ पूरे प्रदेश में सरहुल पूजा का हर तरफ हर्ष, उत्साह और जश्न का माहौल। मांदर- नगाड़े की थाप और थिरकते कदम। सरना स्थलों में पूरे विधि -विधान से "प्रकृति" की पूजा अर्चना। दरअसल सदियों से चली आ रही यह परंपरा बताती है कि प्रकृति पर्व सरहुल का आदिवासी समाज में कितनी अहमियत है। सरहुल सिर्फ एक त्योहार नहीं है । यह प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है। मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन आदिवासी छात्रावास,  करमटोली में सरहुल महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने सरना स्थल में पारंपरिक विधि- विधान से पूजा- अर्चना के उपरांत मांदर बजाकर लोगों के साथ खुशियां बांटी।

आदिवासी छात्रावास का होगा कायाकल्प

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छात्रावासों को सुसज्जित और  जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है । छात्रावासों के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू हो चुका है । इस कड़ी में आदिवासी छात्रावास को भी नया आयाम देने की कार्य योजना बन चुकी है।  यहां  बच्चे और बच्चियों के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी छात्रावास बनेगा,  जहां पढ़ाई करने वाले 500 लड़के और 500 लड़कियों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था होगी । उन्होंने रांची वीमेंस कॉलेज के साइंस और आर्ट्स ब्लॉक के जीर्णोद्धार करने की घोषणा की।

सरना और मसना स्थलों को किया जा रहा संरक्षित 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना और मसना स्थल आदिवासियों की आस्था से जुड़ा है। इसे संरक्षित रखने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने लोगों से कहा कि सामाजिक धरोहरों को अक्षुण्ण रखने में समाज को भी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के प्रयास और आपके योगदान से हम अपने सामाजिक -धार्मिक धरोहर को अलग पहचान दे सकते हैं।