Guru Nanak Jayanti 2023: श्री गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती आज, सभी गुरुद्वारों में लगी है रौनक

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, पंजाब

श्री गुरु नानक जयंती सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत ही खास पर्व है, इस पर्व को हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.

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554th birth anniversary of Shri Guru Nanak Dev Ji  : आज  सिखों  के प्रथम गुरू श्री गुरु नानक देव जी की 554वीं जयंती है जिसे आज पंजाब सहित  पूरी दुनिया प्रकाश पर्व के रूप में मना रही है। गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी, हरमंदिर साहिब और पाकिस्तान में  स्थित ननकाना साहिब को फूलों और खूबसूरत रोशनी से सजाया गया है। बड़ी संख्या में लोग गुरुद्वारा साहिब में मत्था टेक रहे हैं।

बता दें कि श्री गुरु नानक जयंती सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत ही खास पर्व है, इस पर्व को हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सभी गुरूद्वारों में एक अलग ही रोनक देखने को मिलती है. इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ भी करते हैं. साथ ही गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन का विशेष आयोजन भी किया जाता है. 

बता दें कि हरमंदिर साहिब और पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब में आज पूरे दिन कीर्तन चलेगा. आज दुनिया भर से तीर्थयात्री यहां पहुंच रहे हैं। इस साल 2470 सिख तीर्थयात्री भारत से पाकिस्तान पहुंचे हैं, जो आज ननकाना साहिब के दर्शन करेंगे. भारत के विभिन्न सिख संगठनों द्वारा 5,000 से अधिक लोगों के पासपोर्ट वीजा के लिए भेजे गए थे, लेकिन पाकिस्तान सरकार ने लगभग 50 प्रतिशत लोगों के वीजा को खारिज कर दिया।

शाम को हरमंदिर साहिब में दीपमाला की जाएगी. यहां करीब 1 लाख देसी घी के दीपक जलाए जाएंगे. इतना ही नहीं, हरमंदिर साहिब में खूबसूरत आतिशबाजी भी की जाएगी. इसके दर्शन के लिए आज लाखों की संख्या में संगत श्री हरमंदिर साहिब में मत्था टेक रही है।

क्यों मानाया जाता है प्रकाश पर्व

बता दें कि हर साल कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को श्री गुरु नानक देव की जयंती मनाई जाती है। सिख धर्म के लोगों के लिए सबसे बड़ा त्योहार है. जिसे लोग प्रकाश पर्व के नाम से मनाते है.  प्रकाश पर्व को लोग गुरु नानक देव जी की जन्म  दिन के उपलक्ष्य में मनाते हैं.
 
श्री गुरु नानक देव जी का जन्म साल 1469 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन पंजाब प्रांत के तलवंडी गांव में हुआ था। जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है. आजकल इसे ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। प्रकाश पर्व के अवसर पर ननकाना साहिब में अलग ही रौनक देखने को मिलती है. इस दिन दूर-दूर से लोग यहां मत्था टेकने आते है. पंजाब के ज्यादात्तर लोग प्रकाश पर्व के अवसर पर ननकाना साहिब जाते है और मत्था टेकते है. 

श्री गुरु नानक देव जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधार के कार्यों में समर्पित किया और  जात-पात, ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने के लिए कई कदम उठाए। श्री गुरु नानक देव जी ने लोगों को इंसानियत व ईमानदारी की एकता के सूत्र में बांधने का काम किया और कई उपदेश दिए।