राहुल की दोषसिद्धि पर रोक से न्यायपालिका पर और गहरी हुई लोगों की आस्था : अखिलेश यादव

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, उत्तरप्रदेश

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ करने वाले उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

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लखनऊ:  समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उच्चतम न्यायालय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की 'मोदी' उपनाम को लेकर की गयी टिप्पणी के मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत करते हुए शुक्रवार को कहा कि इससे लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था और बढ़ गयी है।

यादव ने एक ट्वीट में कहा, ''सर्वोच्च न्यायालय ने राहुल गांधी जी की सज़ा पर रोक लगाकर भारतीय लोकतंत्र एवं न्यायपालिका में लोगों की आस्था को बढ़ावा दिया है।'' उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ''भाजपा की नकारात्मक राजनीति का अहंकारी ध्वज आज उनके नैतिक अवसान के शोक में झुक जाना चाहिए।''

इस बीच, राहुल को उच्चतम न्यायालय से बड़ी राहत मिलने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई गई। प्रदेश कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने बताया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का रास्ता साफ करने वाले उच्चतम न्यायालय के इस निर्णय से पार्टी कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है।

पार्टी राज्य मुख्यालय पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर मिठाइयां बांटी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता समाप्त कराने के लिए पूरी साजिश रची थी, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आज के निर्णय से देश के लोगों की लोकतंत्र और न्यायपालिका में आस्था और भी गहरी हो गई है।

गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए मोदी उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में शुक्रवार को उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी।.

लोकसभा अध्यक्ष अब उनकी सदस्यता बहाल कर सकते हैं या राहुल गांधी शीर्ष अदालत के आदेश के परिप्रेक्ष्य में एक सांसद के रूप में अपनी सदस्यता बहाल करने की अपील कर सकते हैं।.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर राहुल गांधी की सदस्यता बहाल करने का आग्रह किया। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।.

पीठ ने कहा, ‘‘निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।’’

शीर्ष अदालत गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली राहुल की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने ‘मोदी उपनाम’ से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली उनकी याचिका खारिज कर दी थी।.

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। राहुल ने सभा में टिप्पणी की थी कि ‘‘सभी चोरों का एक ही उपनाम मोदी कैसे हो सकता है?’’