मैनपुरी में उपचार में लापरवाही से छात्रा की मौत, शव बाहर फेंकने पर अस्पताल ‘सील’, पंजीकरण रद्द

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, उत्तरप्रदेश

मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गई है।

प्रतीकात्मक फोटो

मैनपुरी/लखनऊ (उप्र) : मैनपुरी में कथित तौर पर उपचार में लापरवाही बरतने के कारण एक नाबालिग छात्रा की मौत होने और उसके शव को अस्पताल से बाहर फेंकने के मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित राधा स्वामी अस्पताल को ‘सील’ कर उसके लाइसेंस को रद्द कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा विभाग संभाल रहे राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के निर्देश पर की गई।

पाठक ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राधा स्वामी अस्पताल, मैनपुरी में शव को बाइक पर रखने संबंधी मामले के संज्ञान में आते ही मुख्य चिकित्साधिकारी, मैनपुरी को इस संबंध में तत्काल कठोर कार्रवाई किये जाने के आदेश दिये गये हैं। इस संबंध में नोडल अधिकारी की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट के क्रम में करहल रोड पर स्थित उक्त राधास्वामी अस्पताल को सील कर दिया गया है।’’

इसी पोस्ट में पाठक ने कहा, ‘‘अस्पताल प्रशासन को नोटिस जारी करते हुए उक्त अस्पताल में भर्ती अन्य मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, घिरोर में भर्ती करा दिया गया है एवं अस्पताल का लाइसेंस निलम्बित करते हुए मामले की विस्तृत जांच के लिए अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी (एसीएमओ) की अध्यक्षता में दो सदस्यीय समिति गठित कर दी गयी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी से एक सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट मांगी गई है। अस्पताल का पंजीकरण रद्द करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराये जाने की भी कार्रवाई की जायेगी। किसी भी दशा में ऐसी घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। दोषियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई की जायेगी।’’ मैनपुरी से मिली खबर के अनुसार, उपचार में लापरवाही के कारण बालिका की मौत के मामले में उप मुख्यमंत्री के आदेश पर राधा स्वामी अस्पताल को ‘सील’ कर दिया गया है और उसका पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है। घटना के संदर्भ में परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार, घिरोर थाना क्षेत्र के ओय निवासी गिरीश चंद्र की पुत्री भारती (17) कक्षा 12वीं की छात्रा थी। मंगलवार को उसे तेज बुखार आया था। परिजनों ने उसे घिरोर के राधा स्वामी अस्पताल में भर्ती कराया और वहां उपचार शुरू हुआ।

परिजनों के अनुसार, अस्पताल में इलाज में लापरवाही के कारण भारती की मौत हो गयी और अस्‍पताल संचालकों ने परिजनों को जानकारी दिये बिना भारती को निकालकर सड़क पर रख दिया। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें दो लोग छात्रा को मोटरसाइकिल पर रखते हुए दिख रहे हैं, जिसके बाद छात्रा बाइक पर ही लुढ़क जाती है। वीडियो में किसी की आवाज सुनाई देती है कि ‘‘तुमने पेशेंट को बाहर निकालकर डाल दिया’’। वीडियो में किसी को यह भी कहते सुना जा सकता है कि ‘‘रुको वीडियो बनाते हैं’’।

इसके बाद वीडियो में एक महिला छात्रा को पकड़कर फफक फफक कर रोती हुई और ‘‘लल्ली-लल्ली’’ (बेटी-बेटी) कहते सुनी जा सकती है। 58 सेकेंड के इस वीडियो के आखिरी दृश्य में महिला के साथ एक पुरुष भी छात्रा के शव को बाइक से उतारते दिख रहा है। मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉक्टर आरसी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल का पंजीकरण निरस्त कर उसे सील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुछ मरीज भी वहां भर्ती थे, जिन्हें सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी।

अमेठी में इलाज में कथित लापरवाही के कारण एक महिला की मौत के बाद संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया और फिर उसके बाद अमेठी जिले में ही एक और निजी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर उसकी सारी सेवाओं पर रोक लगा दी गई। जिले के मुसाफिरखाना में जनता अस्पताल में भर्ती एक महिला की प्रसव के दौरान मौत के मामले में अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जनता अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर उसे ‘सीज’ कर दिया, यानी अस्पताल पर नोटिस चस्पा दिया गया है और अब यह प्रशासन के अधीन है तथा अस्पताल का कोई व्यक्ति इसमें गतिविधि नहीं कर सकता है। इससे पहले 17 सितंबर को जिले के संजय गांधी अस्पताल को 22 वर्षीय विवाहिता की मौत के बाद ‘सीज’ कर दिया गया था।