शेयर बाजार में चौतरफा गिरावट, सेंसेक्स 826 अंक टूटा

Rozanaspokesman

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बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 825.74 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 64,571.88 अंक पर बंद हुआ।

All-round decline in stock market, Sensex falls by 826 points

मुंबई : पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से वैश्विक बाजारों में पैदा हुए कमजोर रुझानों के बीच स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को व्यापक गिरावट रही और मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी करीब 1.3 प्रतिशत तक लुढ़क गए। विश्लेषकों के मुताबिक, कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल से अधिक होने से भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 825.74 अंक यानी 1.26 प्रतिशत की बड़ी गिरावट के साथ 64,571.88 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 894.94 अंक यानी 1.36 प्रतिशत तक गिरकर 64,502.68 पर खिसक गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 260.90 अंक यानी 1.34 प्रतिशत फिसलकर 19,281.75 अंक पर आ गया।

यह शेयर बाजारों में गिरावट का लगातार चौथा सत्र रहा। इन चार सत्रों में सेंसेक्स 1,925 अंक गिरकर 65,000 अंक से नीचे आ चुका है जबकि निफ्टी लगभग 530 अंक टूट चुका है। सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एनटीपीसी, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, भारतीय स्टेट बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट में प्रमुख रूप से गिरावट रही।

दूसरी तरफ महिंद्रा एंड महिंद्रा और बजाज फाइनेंस के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट गिरावट के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजार दोपहर के सत्र में नुकसान के साथ कारोबार कर रहे थे। शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में गिरावट दर्ज की गई थी। इस बीच, पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव से अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.04 प्रतिशत चढ़कर 92.18 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘निजी बैंकों के अच्छे तिमाही नतीजों और कच्चे तेल की कीमतों में नरमी के बावजूद निवेशकों की धारणी कमजोर रही और घरेलू बाजारों में व्यापक असर देखा गया।’’.

नायर ने कहा कि पश्चिम एशिया में अशांति और बढ़ने की आशंका को देखते हुए वैश्विक बाजारों में भी इसी तरह का रुझान देखा गया। लंबे समय तक ब्याज दरें ऊंची रहने की आशंकाएं बढ़ने से अमेरिका में 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल लगातार बढ़ा है। शेयर बाजारों के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने शुक्रवार को 456.21 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीद की थी।