IAS Anil Basak Success Story: गांव-गांव धूमकर कपड़े बेचते थे पिता, बेटा बना IAS, प्रेरणादायक है सफलता की कहानी

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यूपीएससी के तीसरे प्रयास में उनका चयन IAS अधिकारी पद के लिए हुआ था।

IAS Anil Basak Success Story

IAS Anil Basak Success Story: सिविल सेवा परीक्षा में बैठना और इसे पास करना आज के समय में ज्यादात्तर युवा का सपना है. हर साल हजारों युवा इस परीक्षा में बैठते भी है, पर बहुत ही कम परीक्षार्थी ऐसे होते है जो अपनी लगन और मेहनत से इसे पास कर अपना सपना पूरा कर पाते हैं. सिविल सेवा परीक्षा को देश का टफेस्ट परीक्षा माना जाता है पर जो लोग इसे पास करने की ठान लेते है वो हर मुश्किल का सामने कर इस असंभव  काम को भी संभव बना लेते है.  इस सूची में 2020 के आईएएस अधिकारी अनिल बसाक (Anil Basak IAS Success Story) का भी नाम शामिल है।

तो आज की पॉजिटिव स्टोरी में आज हम आपको आईएएस अधिकारी अनिल बसाक की सफलता की कहानी (Anil Basak IAS Success Story) से परिचय करवाते हैं. बता दें, यूपीएससी के तीसरे प्रयास में उनका चयन IAS अधिकारी पद के लिए हुआ था।  उन्होंने 45 रैंक प्राप्त किया था.
 
बिहार से ही IAS अधिकारी अनिल बिसाक (Anil Basak IAS Biography)

02 अगस्त 1995 को किशनगंज, बिहार में जन्मे अनिल बसाक (Anil Basak IAS Success Story) ने 12वीं तक की शिक्षा अपने गृह राज्य से पूरी की। अनिल का परिवार गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) था। उनके पिता राजस्थान के चुरू में हाउस हेल्पर के रूप में काम करते थे। कुछ समय बाद उन्होंने गांव-गांव धूमकर कपड़े बेचना शुरू कर दिया। अपने पिता को इस तरह से फेरी करते देख अनिल ने जीवन में कुछ बड़ा करने का फैसला किया और अपनी कड़ी मेहनत से देश की दो सबसे कठिन परीक्षाएं पास कीं।

12वीं की परीक्षा देने के बाद अनिल ने आईआईटी की परीक्षा दी. अनिल पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहते थे इसलिए उन्हें आईआईटी में भी अच्छी रैंक मिली और अनिल को आईआईटी दिल्ली में दाखिला मिल गया। अनिल ने यहीं से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की लेकिन इसी दौरान अनिल की रुचि सिविल सेवा परीक्षा में हो गई और उन्होंने यूपीएससी देने का मन बना लिया।

आईआईटी करने के बाद अनिल बसाक ने यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया और उन्होंने 2 साल तक लगन से पढ़ाई की. 2 साल बाद अनिल 2018 में पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए लेकिन प्रीलिम्स में ही असफल हो गए। हालाँकि, अनिल ने हार नहीं मानी और अगले वर्ष फिर से परीक्षा दी। इस बार अनिल को 616वीं रैंक मिली और उन्हेंने IRS IT ज्वाइन कर लिया. पर वो आईए़एस बनना चाहते हैं.

तीसरी कोशिश में बने IAS 

आईआरएस की नौकरी ज्वाइन करने के बाद अनिल बसाक ने 1 साल की छुट्टी ली और फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस बार अनिल की मेहनत रंग लाई और उन्होंने 45 रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा 2020 (UPSC Exam) पास कर ली. अनिल को बिहार कैडर मिला और अब वह रोहतास के बिक्रमगंज में एसडीएम के पद पर तैनात हैं।

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